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चीन की आपत्ति को दरकिनार कर वियतनाम को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल बेचेगा भारत

पर्रिकर की यात्रा के दौरान वे ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर चर्चा करेंगे. वियतनाम बीते पांच साल से ब्रह्मोस मिसाइल की मांग कर रहा है.

पीएम मोदी पीएम मोदी
प्रियंका झा/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 03 जून 2016,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST

एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को खत्म करने के लिए भारत ने वियतनाम को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बेचने का फैसला लिया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सिंगापुर और वियतनाम की पांच दिवसीय यात्रा पर जाएंगे. इस दौरान इस डील पर अंतिम फैसला होने की संभावना है.

पर्रिकर की यात्रा के दौरान वे ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर चर्चा करेंगे. वियतनाम बीते पांच साल से ब्रह्मोस मिसाइल की मांग कर रहा है. लेकिन पिछली यूपीए सरकार ने चीन की आपत्तियों के डर से वियतनाम को यह मिसाइल नहीं दी थी. इस फैसले को मोदी सरकार की विदेश नीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है.

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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने साथ में मिलकर विकसित किया है. यह सबसे ताकतवर मिसाइलों में से एक है.

चीन के साथ बढ़ी है तल्खी
चीन के साथ हाल में कई मुद्दों पर भारत की तल्खी सामने आई है. पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अजहर मसूद को यूएन से बैन कराने की भारत की कोशिशों को चीन ने विफल कर दिया था. इसके अलावा न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप-NSG में भारत की एंट्री की कोशिशों में भी चीन ने अड़ंगा लगाने की कोशिश की. दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन के विरोधी माने जाने वाले वियतनाम को मिसाइल देने का फैसला कर भारत ने विदेश नीति में बड़े बदलाव का संकेत दिया है.

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