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37 साल पहले आज ही इस स्टार ने भारत को बैडमिंटन की दुनिया में दिलाई थी पहचान

प्रकाश पादुकोण 1980 में विश्व के सबसे पुराने बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने थे.

प्रकाश पादुकोण प्रकाश पादुकोण
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

भारत के बैडमिंटन के इतिहास में 23 मार्च मील का पत्थर साबित हुआ. 37 साल पहले 1980 में आज ही के दिन एक भारतीय ने इंग्लैंड में तहलका मचाया था. प्रकाश पादुकोण विश्व के सबसे पुराने बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने. जिससे दुनिया में भारतीय बैडमिंटन की नई पहचान बनी.

 ऐसी रही प्रकाश पादुकोण की ऐतिहासिक जीत
24 वर्ष के पादुकोण ने मेंस सिंगल्स फाइनल में इंडोनेशिया के लियेम स्वी किंग को 15-3, 15-10 से धूल चटा कर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. मजे की बात यह है कि उन्होंने  उन्होंने दूसरी सीड इंडोनेशियाई बैडमिंटन स्टार का लगातार तीसरी बार टूर्नामेंट जीत कर हैट्रिक बनाने का सपना तोड़ा था.

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...लगातार दूसरी बार भी चैंपियन बन सकते थे
इतना ही नहीं प्रकाश पादुकोण अगले साल 1981 में भी इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल तक जा पहुंचे थे. इस बार भी उनका उसी इंडोनेशियाई खिलाड़ी से सामना हुआ, लेकिन किंग ने उन्हें 11-15, 15-4, 15-6 से मात दी. और स्टार बन चुके पादुकोण लगातार दूसरी बार यह टूर्नामेंट जीतने से वंचित रहे.

पादुकोण के अलावा गोपीचंद ही दोहरा पाए हैं कारनामा
ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के 117 वर्षों के इतिहास में प्रकाश पादुकोण के अलावा पुलेला गोपीचंद ही एकमात्र भारतीय विजेता रहे हैं. उन्होंने 2001 में यह चैंपियनशिप जीती थी. जबकि महिलाओं में साइना नेहवाल 2015 में फाइनल तक जरूर पहुंचीं, लेकिन वह खिताब जीतने में असलफल रहीं. उन्हें स्पेन की प्रतिद्वंद्वी कैरोलिना मारिन से हार मिली.

ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन ने इसी महीने सम्मान बख्शा
1991 में रिटायर्मेंट के बाद प्रकाश पादुकोण ने बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन के रूप में अपनी सेवाएं दीं. 1993-1996 के दौरान वे भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच भी रहे. गौरतलब है कि प्रकाश पादुकोण को इसी साल 2017 (11-12 मार्च) में ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के दौरान बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया गया.

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