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ट्रेन के टॉयलेट में खाने-पीने का सामान, बीमार पड़ रहे यात्री

जहां एक ओर सारे देश में स्वच्छ भारत की बात की जा रही है वहीं रेलवे में ठीक इसका उल्टा होता दिख रहा है. एक अंग्रेजी अखबार ने खबर दी है कि दिल्ली से केरल आने-जाने वाली ट्रेन केरल एक्सप्रेस के टॉयलेट में बाकायदा खाने-पीने का सामान रखा जाता है.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

जहां एक ओर सारे देश में स्वच्छ भारत की बात की जा रही है वहीं रेलवे में ठीक इसका उल्टा होता दिख रहा है. एक अंग्रेजी अखबार ने खबर दी है कि दिल्ली से केरल आने-जाने वाली ट्रेन केरल एक्सप्रेस के टॉयलेट में बाकायदा खाने-पीने का सामान रखा जाता है. इस ट्रेन के अलावा कई और ट्रेनों में इस तरह का काम होता है और यात्रियों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं की जाती है जिसके चलते बड़ी संख्या में यात्री बीमार पड़ जाते हैं.

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अखबार ने दक्षिण रेलवे की कई ट्रेनों के बारे में बताया है कि गंदे ढंग से खाना रखने के अलावा बदबूदार वेटर खाना परोसते हैं जिनके शरीर से दुर्गंध आती है. इस तरह की गंदगी का ही नतीजा है कि अजमेर-एर्नाकुलम मरुसागर एक्सप्रेस के 50 यात्रियों को इस तरह का गंदा खाना खाने के कारण फूड पॉयजनिंग हो गई और उन्हें रास्ते में ही अस्पताल में दाखिल कराया गया.

ऐसा नहीं है कि सिर्फ दक्षिण भारत की ट्रेनों में गंदगी होती है, पूर्व रेल का तो इसमें कोई जवाब नहीं है. गंदी ट्रेनें, गंदे टॉयलेट तो आम बात है. टॉयलेट में पानी न होना एक आम शिकायत है. खाने के मामले में यहां भी यही हाल है. दिल्ली से रांची आने-जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस के खाने की तो सबसे ज्यादा शिकायत होती है. एक बार तो उसके खाने को खाकर एक सांसद अस्पताल पहुंच गए थे.

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नई सरकार के आने के बाद रेल यात्रियों में कुछ उम्मीद बंधी थी लेकिन उसमें कोई प्रगति नहीं हुई है और रेलवे के दावे ज्यों के त्यों हैं.

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