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प्रभु की रेल में सब कुछ ठीक नहीं, इन 5 पांच बातों से जानें

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, प्रोजेक्‍ट फाइनेंस, आधुनिक फाइनेंसिंग और निजी निवेश से रेलवे को जोड़ने की नई पहल की गई है लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसी बाते भी हैं जहां प्रभु की रेल धीमी दिख रही है.

ब्रजेश मिश्र/अंशुमान तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:35 PM IST

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपना दूसरा बजट पेश कर दिया है. ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने से लेकर निवेश तक में इजाफे की कोशिशें हो रही हैं, लेकिन रेल मंत्री बजट में कुछ खास असर नहीं छोड़ पाए.

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, प्रोजेक्‍ट फाइनेंस, आधुनिक फाइनेंसिंग और निजी निवेश से रेलवे को जोड़ने की नई पहल की गई है लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसी बाते भी हैं जहां प्रभु की रेल धीमी दिख रही है.

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ये हैं इस बजट से जुड़ी पांच बड़ी बातें-
1. रेलवे के खजाने के हालत खराब इस साल का राजस्व उम्‍मीदों से बुरा.
2. यात्री ट्रैफिक में भी लक्ष्‍य नहीं मिले. अगले साल पर दारोमदार.
3. यात्री और माल भाड़े से राजस्व में पांच-पांच फीसदी की बढोतरी.
4. 2015 में प्रभु संभाल नहीं पाए रेलवे का वित्‍तीय ढांचा.
5. शेयर ने बाजार बुरी तरह नकारा रेलवे बजट बाजार 52 सप्‍ताह के न्‍यूनतम स्‍तर पर.

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