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न दिल्ली के उपराज्यपाल झुक रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. लिहाजा दोनों में लड़ाई अब तक जारी है . उपराज्यपाल नजीब जंग भी विवाद को खत्म करने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने पिछले एक हफ्ते में AAP सरकार के सभी ट्रांसफर और नियुक्ति के आदेशों को रद्द कर दिया है.
इससे पहले इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि केंद्र उपराज्यपाल के जरिये असंवैधानिक रूप से दिल्ली की सरकार चलाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार को संविधान-सम्मत और स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए.
केजरीवाल और उपराज्यपाल की यह जंग आम आदमी के लिए भी मुश्किलें पैद कर सकती है. खबर है कि एक तरफ दिल्ली प्रशासन के 45 अधिकारियों ने छुट्टी की अर्जी दे दी है तो दूसरी ओर 'आप' सरकार ने 10 सरकारी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को बदलने का मन बना लिया है. ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ अन्य जरूरी सेवाओं के भी प्रभावित होने की आशंका है.
45 DANICS अधिकारियों ने दी छुट्टी की अर्जी?
खबर है कि सीएम और एलजी के बीच चल रहे टकराव से खुद को अलग रखने के लिए दिल्ली प्रशासन के 45 अधिकारियों ने गर्मी की छुट्टी की अर्जी दे दी है. दिल्ली में आईएएस और DANICS (Delhi, Andaman and Nicobar Islands Civil Services) के लगभग 460 अधिकारी पोस्टेड हैं. ऐसे में एक साथ 45 अधिकारियों के छुट्टी पर चले जाने से निश्चित ही आम आदमी का काम प्रभावित होगा.
दिल्ली के मुख्य सचिव केके शर्मा व्यक्तिगत कारणों से 14 मई से ही अमेरिका में हैं. उनकी छुट्टी 24 मई तक थी, लेकिन अब उन्होंने अपनी छुट्टी बढ़ाने की अर्जी दी है. हमारे सहयोगी अखबार 'मेल टुडे' को एक अधिकारी ने बताया कि कुछ ने तो आगे की पढ़ाई के लिए भी छुट्टी मांगी है, मतलब ऐसे लोग एक साल से भी ज्यादा तक की छुट्टी पर रह सकते हैं.
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि औसतन एक दिन में 22 से 25 अधिकारी छुट्टी पर होते हैं और गर्मी की छुट्टियों में यह 35 तक चला जाता है. ऐसा पहली बार है कि 45 अधिकारियों ने एक साथ छुट्टी की अर्जी दी है. सूत्रों की मानें तो टॉप लेवल के कई अधिकारियों ने दिल्ली सरकार से हटकर सेंट्रल डेप्यूटेशन की अर्जी भी दी है.
जिन 10 सरकारी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को हटाने का सरकार मन बना चुकी है, उनमें मदन मोहन मालवीय अस्पताल, संजय गांधी अस्पताल, अरुणा आसफ अली अस्पताल, बाबू जगजीवन राम अस्पताल और दीप चांद बंधू अस्पताल शामिल है. सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 10 अस्पतालों की सूची तैयार कर ली है. आपको बता दें कि इससे पहले 49 दिनों की सरकार के दौरान भी 16 अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट बदले गए थे.
रिपोर्ट्स: राकेश रंजन और आस्था सक्सेना