
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष सुशील चंदा समेत आठ वरिष्ठ आयकर अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही है. यही वजह है कि चंद्रा का एक्सटेंशन पिछले दो महीनों से होल्ड पर रखा गया है. सुशील चंद्रा मई के अंत तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
वित्त मंत्रायल के सूत्रों के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि इन आईटी अधिकारियों ने नीरव मोदी की कंपनियों के स्वामित्व वाले शोरूम में किए गए नगदी लेनदेन की गलत रिपोर्ट तैयार की. साथ ही इसका मूल्यांकन भी कम किया. इन अधिकारियों पर सीबीआई की नजर पीएनबी घोटाले की जांच के वक्त पड़ी.
सूत्रों के मुताबिक, इन सभी आईटी अधिकारियों ने ये जानकारी सीबीआई या प्रवर्तन निदेशालय को नहीं भेजी. CBDT के सदस्यों के खिलाफ ऐसी जांच पहले कभी नहीं देखी गई है. ये अपने में पहला मामला है. इन अधिकारियों के अलावा एक सीनियर सीबीआई अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं. इसी कड़ी में सोमवार को सीबीआई टीम ने मुंबई आई-टी कार्यालय जाकर सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिया.
सीबीआई ने 14 मई को मुंबई के सीबीआई कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की. सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट में 13,000 करोड़ रुपये के इस घोटाले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी के अलावा 24 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें इलाहाबाद बैंक की CEO उषा अनंतसुब्रमण्यम का नाम भी शामिल था.
सीबीआई की इस पहली चार्जशीट में उषा सुब्रमण्यम के अलावा PNB के तीन अन्य शीर्ष अधिकारी- ब्रह्माजी राव, संजीव शरन और नेहल अहद के नाम भी शामिल थे.