
भारी बारिश और तूफान की वजह से अंडमान एवं निकोबार के हैवलॉक और नील द्वीपों पर अब भी 1400 से ज्यादा टूरिस्ट फंसे हुए हैं. इस बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सभी पर्यटक सुरक्षित हैं. भारतीय नौसेना ने उनको बचाने के लिए अभियान चलाया है, लेकिन खराब मौसम की वजह से बचाव अभियान में बाधा आ रही है. फंसे लोगों में 800 से ज्यादा पश्चिम बंगाल के हैं.
खराब मौसम से बचाव अभियान में बाधा
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल डॉ. जगदीश मुखी से बात की और हालात का जायजा लिया. गृह मंत्री ने मंत्रालय के अधिकारियों को हालात पर गहराई से नजर रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'सरकार ने पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने की सभी तैयारियां कर ली हैं. राहत एवं बचाव दल अंडमान पहुंच गए हैं.' केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने भी टूरिस्ट की सुरक्षा और बचाव का पूरा भरोसा दिया है. अंडमान-निकोबार के नील और हैवलॉक द्वीप पर भारी बारिश और तूफान की वजह से बुधवार से ही काफी पर्यटक फंस हुए हैं. भारतीय नौसेना इन सभी को बचाने के लिए अभियान चलाया है, नौसेना ने इन पर्यटकों को बचाने के लिए अपने तीन जहाज रवाना किए थे. गुरुवार को भी मौसम खराब है और 30 किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा गति की हवाएं चल रही हैं. नौसेना के जहाज तो हैवलॉक द्वीप तक पहुंच गए हैं, लेकिन खराब मौसम की वजह से 24 घंटे के बाद भी वे राहत एवं बचाव अभियान शुरू नहीं कर पाए.
सबसे ज्यादा पर्यटक बंगाल से
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और वहां के पर्यटन मंत्री गौतम देब भी निजी तौर पर हालात पर नजर रखे हुए हैं, क्योंकि सबसे ज्यादा पर्यटक इसी राज्य के हैं.सभी पर्यटकों को सलाह दी गई है कि वे घरों या होटलों के भीतर ही रहें. पर्यटकों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर और हेल्पडेस्क शुरू किया गया है. असल में सुनामी के बाद अंडमान में आपदा प्रबंधन की व्यवस्था काफी चुस्त-दुरुस्त हो चुकी है और यह सबसे अत्याधुनिक सिस्टम में से है. अंडमान में नील और हैवलॉक बेहद लोकप्रिय पर्यटक डेस्टिनेशन हैं और सैलानियों को वहां से लाने के माध्यम नौकाएं या हेलीकॉप्टर ही हैं.