
चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर से ऐसा लगता है कि अब दुनिया को कुछ राहत मिल सकती है. चीन और अमेरिका उच्चस्तरीय वार्ता की तैयारी में जुट गए हैं. दोनों देशों ने अक्टूबर माह में वाशिंगटन में 13वें दौर की चीन-अमेरिका उच्चस्तरीय आर्थिक व व्यापारिक सलाह-मशवरे पर चर्चा की.
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रेस प्रवक्ता काओ फंग ने गुरुवार को कहा कि कुछ समय पहले चीन और अमेरिका की आर्थिक व व्यापारिक टीमों ने वाशिंगटन में उप मंत्री स्तरीय वार्ता की और समान रुचि वाली आर्थिक व व्यापारिक मसलों पर रचनात्मक चर्चा की. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष उच्चस्तरीय वार्ता की तैयारी कर रहे हैं.
ट्रंप ने जताई समाधान की उम्मीद
गौरतलब है कि गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि चीन के साथ व्यापार करार उम्मीद से पहले हो सकता है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, काओ ने आशा जताई कि अमेरिका चीन के साथ प्रयास कर आपसी सम्मान के आधार पर वार्तालाप के जरिए आपसी लाभ व साझे हित वाले समाधान के तरीकों की खोज कर सकेगा. उन्होंने कहा कि हाल में अमेरिका ने चीन से आयातित उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की सूची से कुछ वस्तुओं को हटाया है. चीन इसका स्वागत करता है.
दोनों देशों ने दिखाई नरमी
इस महीने की शुरुआत में अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे को कुछ रियायतें दी हैं. चीन सरकार ने पहले कुछ कैंसर रोधी अमेरिकी दवाओं और कुछ अन्य वस्तुओं को टैरिफ से राहत दी. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका स्वागत करते हुए अरबों डॉलर की चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने के निर्णय को 15 दिन के लिए टाल दिया.
तब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर बताया था, 'अमेरिका इस बात पर राजी हुआ है कि 250 अरब डॉलर के चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाने के निर्णय को 1 अक्टूबर से टालकर 15 अक्टूबर से लागू किया जाए.' गौरतलब है कि अमेरिका ने चीनी माल पर टैरिफ 25 से बढ़ाकर 30 फीसदी करने का निर्णय लिया है. चीन ने 16 तरह के अमेरिकी उत्पादों पर पहली बार टैक्स पर राहत दिया था. इनमें कुछ कैंसर रोधी दवाएं, ल्युब्रिकैंट्स, पशु-मछली चारा आदि शामिल हैं.
कैसे शुरू हुआ था ट्रेड वॉर
चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वार पिछले साल मार्च से चल रहा है, जब ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैरिफ लगा दिया था. इसके जवाब में तब चीन ने भी अरबों डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ बढ़ा दिया था.
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर सुलझ न पाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. दुनिया की प्रमुख नौ अर्थव्यवस्थाएं मंदी की कगार पर हैं. जानकारों का अनुमान है कि यदि इसका समाधान नहीं निकाला गया और ट्रेड वॉर जारी रहा तो इससे साल 2021 तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था फिर से मंदी के दायरे में चली जाएगी. इससे पूरे दुनिया की इकोनॉमी को करीब 585 अरब डॉलर का चूना लग सकता है.