
मोदी सरकार के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति का रास्ता साफ होता दिख रहा है. कांग्रेस के भारी विरोध के बीच मिश्र की नियुक्ति से जुड़ा ट्राई संशोधन बिल लोकसभा में पारित हो गया है. कांग्रेस और सीपीएम ने बिल के विरोध में लोकसभा से वॉकआउट किया. मिश्र की नियुक्ति के मसले पर सियासत भी तेज हो गई है. जेडी(यू) इस बिल का विरोध कर रही है जबकि एनसीपी, बीएसपी और एआईएडीएमके ने इस बिल पर केंद्र सरकार का सपोर्ट किया. बसपा प्रमुख और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी ट्राई संशोधन बिल का संसद में समर्थन करेगी. वहीं, जेडी(यू) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी ट्राई बिल का विरोध करेगी. करुणानिधि की पार्टी डीएमके ने अभी तक इस मसले पर कोई फैसला नहीं किया है.
बसपा, सपा के फैसले से नृपेंद्र मिश्रा की नियुक्ति के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. तृणमूल कांग्रेस ने भी अब इस मसले पर 'यू-टर्न' लेते हुए बिल का सपोर्ट किया है. नृपेंद्र मिश्रा को नियमों में फेरबदल कर अध्यादेश के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है. शुक्रवार को मोदी सरकार ने लोकसभा में ट्राई संशोधन बिल पेश किया था.
हालांकि, तृणमूल सांसद स्वागत रॉय ने इससे पहले इस बिल का जमकर विरोध किया था. उन्होंने कहा कि पहली बार किसी अफसर के लिए इस तरह का बिल लाया जा रहा है. ट्राई एक स्वतंत्र संस्था है और एक रिटायर्ड अफसर के लिए, जो कि प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव हैं, ये संशोधन किया जा रहा है. ऐसा करके ट्राई की स्वतंत्रता से समझौता किया जा रहा है. जवाब में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि केवल बिल की संवैधानिकता पर सवाल उठाया जा सकता है. सरकार के पास ट्राई में संशोधन करने का पूरा अधिकार है. विपक्ष को इस पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है.
नृपेंद्र मिश्रा...नरेंद्र मोदी के सारथी
मिश्रा 2006 से 2009 के बीच ट्राई (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2009 में ही रिटायर हुए. आपको बता दें कि ट्राई कानून इसके अध्यक्षों और सदस्यों को पद छोड़ने के बाद केंद्र या राज्य सरकारों में किसी अन्य पद पर नियुक्ति से प्रतिबंधित करता है. कानून का ये प्रावधान, जो मिश्रा को प्रधान सचिव नियुक्त करने के आड़े आ सकता था, मोदी सरकार ने इसके संशोधन के लिए अध्यादेश लागू किया.
ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश कैडर के हैं. उन्हें मई में प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था. सरकार ने उस कानून को संशोधन करने के लिए अध्यादेश लागू किया था, जो मिश्रा को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करने से रोक सकता था. मिश्रा ने पुलक चटर्जी का स्थान लिया जो मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव थे.
69 वर्षीय मिश्रा उत्तर प्रदेश से हैं और राजनीति शास्त्र एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं. मिश्रा की अध्यक्षता में ट्राई ने अगस्त 2007 में सिफारिश की थी कि स्पेक्ट्रम की नीलामी की जानी चाहिए. मिश्रा 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले की सुनवाई में दिल्ली की एक अदालत में अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश हो चुके हैं.