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मोबाइल यूजर्स के अब 'अच्छे दिन', TRAI ने लिया बड़ा फैसला

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने आज मोबाइल इंटरक्नेक्शन यूसेज चार्ज (IUC) को 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट कर दिया. मोबाइल कंपनियां अगर इस कटौती का फायदा ग्राहकों को देती हैं तो काल दरें घटने की राह खुल सकती है.

TRAI ने IUC में की कटौती TRAI ने IUC में की कटौती
साकेत सिंह बघेल/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:02 AM IST

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने आज मोबाइल इंटरक्नेक्शन यूसेज चार्ज (IUC) को 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट कर दिया. मोबाइल कंपनियां अगर इस कटौती का फायदा ग्राहकों को देती हैं तो काल दरें घटने की राह खुल सकती है. नियामक के इस कदम का फायदा नई कंपनी रिलायंस जियो को मिलने की उम्मीद है.

वहीं मोबाइल कंपनियों के संगठन COAI ने इस फैसले को गलत करार देते हुए कहा है कि इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है. गौरलतब है कि IUC वह चार्ज होता है जो कोई दूरसंचार कंपनी अपने नेटवर्क से दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर मोबाइल कॉल के लिए दूसरी कंपनी को देती है.

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ट्राई ने कहा है कि 6 पैसे प्रति मिनट का नया कॉल टर्मिनेशन चार्ज 1 अक्टूबर 2017 से प्रभावी होगा और 1 जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. ट्राई ने अपने बयान में कहा है कि उसने यह फैसला भागीदारों से मिली राय के आधार पर किया है.

COAI के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, यह अनर्थकारी कदम है... ज्यादातर सदस्य कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे संभवत: इस मामले में राहत के लिए अदालत की राह लेंगी. ट्राई के पूर्व चेयरमैन राहुल खुल्लर ने भी मैथ्यूज के विचारों से सहमति जताई है.

उन्होंने कहा, अगर आप टर्मिनेशन शुल्क घटाएंगे तो मुख्य रूप से जियो को ही लाभ होगा क्योंकि वही अन्य नेटवर्क पर भारी ट्रैफिक बोझा डाल रही है. गौरतलब है कि IUC को लेकर हाल ही में खासा विवाद रहा है और इसमें कटौती का ट्राई का आज का फैसला भारती एयरटेल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के रुख के विपरीत है, जो कि इसमें बढोतरी की मांग कर रहीं थी.

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भारती एयरटेल इस मुद्दे पर IUC चार्ज को कम करने की मांग करने वाली रिलायंस जियो के साथ विवाद में भी फंसी है. एक अन्य कदम में ट्राई ने दूरसंचार क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए एक परामर्श पत्र आज जारी किया है. इस परिपत्र में समयबद्ध मंजूरियों, शुल्कों को युक्तिसंगत बनाए जाने और श्रेणीबद्ध जुर्माने का प्रस्ताव है.

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