
नॉर्थ एमसीडी अब जल्द ही पेड़ों के पत्तों और टहनियों से खाद बनाने जा रही है. इसके लिए निगम ने 4 वुड चिपर-श्रैडर मशीन खरीदी है.
नॉर्थ दिल्ली की मेयर प्रीति अग्रवाल के मुताबिक, निगम के उद्यान विभाग ने पेड़ों की छटाई से मिलने वाले पत्तों और टहनियों को बारीक-बारीक कतर कर खाद बनाने के लिए इन मशीनों को खरीदा है, ताकि नॉर्थ एमसीडी कम खर्चे में खाद बना सके और बाज़ार से खाद ना खरीद कर खर्चे को कम किया जा सके.
मेयर के मुताबिक, सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और पार्कों में छंटाई के दौरान पत्तियां और टहनियां बड़ी संख्या में मिलती है, जिसको अभी तक फेंक दिया जाता था. लेकिन नई मशीन के आ जाने से अब इन्हे मशीनों से बारीक काटा जाएगा और उसके बाद गड्ढे में डालकर उससे खाद बनाई जाएगी.
मेयर के मुताबिक, इन पत्तियों और टहनियों से खाद बनाने के लिए नॉर्थ दिल्ली के अलग अलग पार्कों में 316 गड्ढे बनाए गए हैं. मेयर प्रीति अग्रवाल के मुताबिक नई वुड चिपर-श्रेडर मशीन को चलाने के लिए उद्यान विभाग के कर्मचारियों को खास ट्रेनिंग भी दी गई है, ताकि वह आसानी से इसे चला सकें और मसीन को लंबे वक्त तक इस्तेमाल में लाया जा सके. नई मशीनों में से दो रोहिणी ज़ोन तो वहीं करोल बाग और सिविल लाइंस ज़ोन में एक-एक मशीन बांटी गई. मेयर के मुताबिक, अभी इस तरह की और मशीनें खरीदी जाएंगी. निगम के मुताबिक, पत्तों और टहनियों से बनी खाद का इस्तेमाल पार्कों और गमलों में किया जाएगा.
ये मशीनें स्वच्छ मिशन भारत के तहत खरीदी गई हैं, जिसमें अब पार्कों में पेड़ों की छटाई से निकले अपशिष्ट वहीं पार्क में गड्डे बना कर डाल दिए जाएंगे, जिसका बाद में खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा. आपको बता दें कि पत्तों और टहनियों से बनने वाली खाद बेहद उर्रवरक होती है और कम समय में भी बन जाती है. इसके अलावा ये पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होती है.