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विदेश में करनी है पढ़ाई तो जरूर कराएं ट्रेवल इंश्योरेंस

विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए ट्रेवल इंश्योरेंस एक ऐसा ऑप्शन  है जिसमें मेडिकल एक्सपेंसेज, ट्रिप केंसलेशन, सामान चोरी होना फ्लाइट एक्सीडेंट के साथ-साथ ट्रेवलिंग के दौरान होने वाली दुर्घटना से जुड़े खर्चे भी शामिल हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2015,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए ट्रेवल इंश्योरेंस एक ऐसा ऑप्शन  है जिसमें मेडिकल एक्सपेंसेज, ट्रिप केंसलेशन, सामान चोरी होना फ्लाइट एक्सीडेंट के साथ-साथ ट्रेवलिंग के दौरान होने वाली दुर्घटना से जुड़े खर्चे भी शामिल हैं. अगर आप पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे हैं तो ट्रेवल इश्योरेंस जरूर खरीदें. इसकी मदद से ना केवल आप पढ़ाई के मंहगे खर्च से बच सकते हैं बल्कि यह ट्रिप के दौरान हुई किसी दुर्घटना के नुकसान को भी कम करता है. विदेशों में उपलब्ध मेडिकल इंश्योरेंस की तुलना में इसमें काफी कम लागत आती है.

कब ले सकते हैं पॉलिसी:
भारत में अधिकतर जनरल इंश्योरेंस कंपनियां विदेश में पढ़ाई के लिए जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए ट्रेवल इंश्योरेंस की सुविधा देती हैं. ट्रेवल इंश्योरेंस ट्रिप की बुकिंग के टाइम पर पर भी लिया जा सकता है. लेकिन अगर आपको बार-बार विदेश जाना होता है तो आप मल्टी ट्रिप पॉलिसी भी खरीद सकते हैं.

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ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय आप इन बातों का रखें ध्यान:

1. अगर ट्रेवलिंग के दौरान आपका कोई जरूरी और कीमती सामान खो जाता है तो इसके लिए ट्रेवल इंश्योरेंस आपकी मदद कर सकता है. इसके लिए आपकी ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी में प्रॉपर्टी और कैजुअल्टी फीचर होना जरूरी है.

2.ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी स्टूडेंट्स को मेडिकल और नॉन मेडिकल इंश्योरेंस कवरेज देती हैं.

3.अगर आप एक से ज्यादा बार विदेश आते जाते हैं तो ऐसा प्लान खरीदें जो एनुअली हो.

4.अगर किसी वजह से आपकी पढ़ाई बीच में ही रुक जाती है तो ट्रेवल इंश्योरेंस काफी मददगार साबित हो सकता है.

5.पॉलिसी को लेकर सतर्क रहे. एजेंट की बातों में आने से पहले खुद से इनके बारे में रिसर्च करें. बजट और जरूरतों के मुताबिक सही इंश्योरेंस खरीदें.

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