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रेप के आरोपी किशोरों को भी वयस्कों के बराबर माना जाए: मेनका गांधी

महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के नाबालिग आरोपियों से वयस्क अपराधियों के बराबर बर्ताव किए जाने की वकालत की है.

मेनका गांधी (फाइल फोटो) मेनका गांधी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • चेन्नई,
  • 13 जुलाई 2014,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST

महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के नाबालिग आरोपियों से वयस्क अपराधियों के बराबर बर्ताव किए जाने की वकालत की है.

संवाददाताओं से बातचीत में मेनका गांधी ने कहा कि पुलिस के अनुसार, सभी यौन अपराधों में से 50 फीसदी अपराधों को 16 वर्षीय किशोरों द्वारा अंजाम दिया जाता है, जो इस बारे में बने नियम को जानते हैं. उन्होंने कहा कि वे उसका दुरुपयोग करते हैं.

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मेनका गांधी ने कहा, ‘लेकिन अब पूर्व नियोजित हत्या, बलात्कार के लिए यदि हम उन्हें वयस्कों के बराबर मानकर चलते हैं, तो इससे उनमें डर पैदा होगा.’

पूर्व महिला व बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने पिछली यूपीए सरकार के शासनकाल में प्रस्ताव किया था कि जघन्य अपराधों के दोषी 16 साल से ऊपर के किशोरों को वयस्क अपराधियों के समान माना जाए. इस कदम का विभिन्न गैर सरकारी संगठनों तथा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने यह कहते हुए विरोध किया था कि ऐसा प्रस्ताव बाल अधिकारों के खिलाफ है.

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