
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. मामले पर फैसला 10 जून को सुबह 10 बजे सुनाया जाएगा. बता दें कि इस मामले की सुनवाई पठानकोट कोर्ट कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले की सुनवाई जम्मू से पठानकोट कोर्ट शिफ्ट कर दी थी.
कठुआ गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के पास इसका ट्रायल चंडीगढ़ शिफ्ट करने और मामले को CBI को देने संबंधी याचिकाएं मिली थीं. पीड़िता के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केस को जम्मू-कश्मीर से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लेते हुए मामले की सुनवाई पंजाब में पठानकोट कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया था.
कठुआ गैंगरेप घटनाक्रम
कठुआ रेप की घटना की शुरुआत 10 जनवरी हुई. परिवार के मुताबिक, बच्ची 10 जनवरी को दोपहर में घर से घोड़ों को चराने के लिए निकली थी और उसके बाद वो घर वापस नहीं लौटी. करीब एक सप्ताह बाद 17 जनवरी को जंगल में उस बच्ची की लाश मिली. मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि बच्ची के साथ कई बार कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार हुआ है और पत्थरों से मारकर उसकी हत्या की गई है. उसके बाद बच्ची के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या पर देशभर में काफी बवाल मचा था. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी इसकी आलोचना की गई थी.
बच्ची की लाश मिलने के बाद परिजनों ने इलाके में प्रदर्शन भी किया और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में लोगों ने हंगामा किया और सड़क पर निकलकर प्रदर्शन करने लगे. 20 जनवरी को सरकार की ओर से थाने के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया और मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए. इसके बाद जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार ने 23 जनवरी को मामले को राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया था जिसने विशेष जांच दल का गठन किया और मामले की जांच शुरू हो गई. जांच के दौरान अपराध शाखा ने इस पूरे मामले के जांच अधिकारी रहे सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को गिरफ्तार कर लिया. जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि इस सामूहिक बलात्कार मामले में जम्मू-कश्मीर का एक स्पेशल पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया भी शामिल हैं. 10 फरवरी को अपराध शाखा ने दीपक खजुरिया को भी गिरफ्तार किया.
इस मामले में पुलिस ने कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक को नाबालिग बताया गया. हालांकि, मेडिकल परीक्षण से यह भी सामने आया कि नाबालिग आरोपी 19 साल का है. पूरी वारदात के मुख्य आरोपी ने खुद ही सरेंडर कर दिया. गिरफ्तार किए जाने वालों में स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया, पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार, रसाना गांव का परवेश कुमार, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज, पूर्व राजस्व अधिकारी का बेटा विशाल और उसका चचेरा भाई (जिसे नाबालिग बताया गया) शामिल था. इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ पीडीपी और सहयोगी बीजेपी के बीच तल्खी भी बढ़ी.