
असम एक आदिवासी महिला द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ केस दर्ज कराए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है. यूपी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के नाम से फेसबुक पर डाली गई पोस्ट पूरी तरह असत्य और आधारहीन है. फेसबुक से संपर्क किए जाने के बाद उक्त पोस्ट को हटा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से फेसबुक पर एक फर्जी अकाउंट से की गई उक्त पोस्ट पर राज्य सरकार द्वारा अत्यंत गंभीर रुख अपनाया गया. प्रकरण की छानबीन में पता चला कि उक्त पोस्ट असम राज्य से पोस्ट हुई थी, जिस पर वहां की पुलिस से तत्काल संपर्क कर दोषियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की अपेक्षा की गई है.
असम के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को अवगत कराया गया है कि पनबजार में अज्ञात तत्वों के विरुद्ध समाज में कटुता और वैमनस्य बढ़ाने के लिए आईपीसी की धारा 153ए के तहत अभियोग दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. 10 साल पहले एक मामले में अपनी न्यूड फोटो को पोस्ट करने का आरोप लगाते हुए महिला ने केस दर्ज कराया था.
लक्ष्मी ओरंग नामक इस आदिवासी महिला ने आईपीसी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सब डिवीजिनल न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दायर की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर किए गए मामले में आरोप लगाते हुए केस दर्ज करने की मांग की थी. इसके बाद इस मामले में केस दर्ज हुआ था.
महिला के मुताबिक, 24 नवंबर 2007 को गुवाहाटी के बेलटोला में अखिल असम आदिसवासी छात्र संघ के आंदोलन के दौरान ली गई उसकी न्यूड फोटो को योगी आदित्यनाथ के नाम से बने फेसबुक पेज से 13 जून को पोस्ट किया गया था. महिला ने असम से बीजेपी सांसद राम प्रसाद सरमा के खिलाफ आपत्तिजनक फोटो शेयर करने को लेकर केस दर्ज कराया था.