Advertisement

Triple Talaq: पर्सनल लॉ बोर्ड बोला- तीन तलाक बिल में ऐसा कुछ भी नहीं जो मुस्लिम महिलाओं के हित में हो

Triple Talaq bill in lok sabha तीन तलाक बिल पर लोकसभा में चर्चा होने से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल का विरोध किया है, साथ ही उन्होंने अपील भी की है कि विपक्षी पार्टियां इसका समर्थन ना करें.

Triple Talaq bill (Representative photo) Triple Talaq bill (Representative photo)
अशोक सिंघल/कुमार अभिषेक/सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:55 AM IST

लोकसभा में आज तीन तलाक बिल पर चर्चा होनी है, लेकिन चर्चा शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्टियों ने सदन में हंगामा कर दिया. केन्द्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि बिल इसी सत्र में पास होना चाहिए. बिल पर चर्चा होने से पहले राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक बिल राष्ट्र के हित में है, इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. तो वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रमुख जफरयाब जिलानी ने कहा कि पिछली बार जब इन्होंने बिल पेश किया था तभी हम लोगों ने अपील की थी कि इशका समर्थन ना करें और पास ना होने दें.

Advertisement

उन्होंने कहा कि ये एक गलत बिल है, हमने कई राज्यों के मुख्यमंत्री, नेताओं और विपक्षी दलों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि इस बिल को संसद में संशोधनों के बजाय सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए.

जफरयाब जिलानी ने कहा कि ये बिल पूरी तरह से वापस होना चाहिए, ये इस लायक नहीं है कि इसे पास किया जाए. इस बिल में ऐसा कुछ भी नहीं है कि मुस्लिम औरतों के हक में हो. उन्होंने कहा कि हमने कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की थी, उनका स्टैंड आपको राज्यसभा में देखने को मिलेगा.

सपा बोली- जो जनता के हित में वही हमारा स्टैंड

तीन तलाक बिल को लेकर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि हमने सदन में अपना रुख साफ कर दिया है, पिछली बार जब चर्चा हुई थी तो हमने कुछ बातों पर आपत्ति जताई थी. जो जनता के हित में होगा, वही हमारा स्टैंड होगा.

Advertisement

आंध्र प्रदेश और राफेल के मुद्दे पर भी हंगामा

आपको बता दें कि लोकसभा में तीन तलाक पर चर्चा से पहले टीडीपी सांसदों ने आंध्र प्रदेश का विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा उठाया. तो वहीं राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने में लगी है.

'अपना वादा निभाए कांग्रेस'

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि इस बिल को काफी सुझावों के बाद लोकसभा में लाया गया है, जो भी सुझाव आए थे उनको जोड़ा गया है. कांग्रेस ने कहा था कि 27 दिसंबर को बिल पर चर्चा की जाए, हमें उम्मीद है कि कांग्रेस इस पर चर्चा करने देगी. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा कि कांग्रेस को अपना वादा निभाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यसभा में भी विपक्षी दल इस बिल को पास करने में सरकार का सहयोग करेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement