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तीन तलाक बिल पर आज चर्चा की संभावना नहीं, सरकार को बजट सत्र से उम्मीद

दोपहर में प्रश्नकाल के बाद ही सदन की कार्यवाही स्थगित हो सकती है. यानी तीन तलाक बिल पर आज चर्चा होने की संभावना कम है. अब सरकार को बजट सत्र में ही बिल पर चर्चा और उसे पास करवाना होगा.

फाइल फोटो फाइल फोटो

बहुचर्चित तीन तलाक बिल लोकसभा में तो पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में सरकार के लिए ये टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. आज शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है. दोपहर में प्रश्नकाल के बाद ही सदन की कार्यवाही स्थगित हो सकती है. यानी तीन तलाक बिल पर आज चर्चा होने की संभावना कम है. अब सरकार को बजट सत्र में ही बिल पर चर्चा और उसे पास करवाना होगा.

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लोकसभा में सरकार के पास बहुमत था और कांग्रेस ने भी बिल को पास करवाने में साथ दिया. लेकिन जैसे ही बात राज्यसभा की आई कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने आंकड़े की ताकत दिखाई. विपक्ष लगातार बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग पर अड़ा हुआ है.

लाइव अपडेट्स:

11:32 AM: दोपहर प्रश्नकाल के बाद ही स्थगित हो सकती है सदन की कार्यवाही.

11:25 AM: बीजेपी ने दोनों सदनों में अपने सांसदों को व्हिप जारी किया.

11:15 AM: राज्यसभा की कार्यवाही शुरू, कर्ण सिंह, जनार्दन द्विवेदी और परवेज़ हाशमी को फेयरवेल दिया गया.

10:55 AM: लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को तीन तलाक बिल में जो कमियां हैं उन्हें दूर करना चाहिए. बीजेपी चर्चा में विश्वास नहीं रखती है, पीएम को खुद पहल कर इस मसले का हल निकलाना चाहिए.

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10:40 AM: केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम महिलाओं को न्याय नहीं देना चाहती है, इसलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है. जो शाहबानो मामले में अन्याय किया, कांग्रेस फिर वही कर रही है. लोकसभा में जो किया, अब राज्यसभा में क्या नया ज्ञान मिला. ऐसा दोहरा रवैया क्यों.

गुरुवार को भी हुआ था हंगामा

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के विरोध के चलते तीन तलाक बिल गुरुवार को दूसरे दिन भी राज्यसभा से पारित नहीं हो सका. सदन में सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के हंगामे के बाद उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. गुरुवार को तीन तलाक बिल पर बहस के लिए 5 घंटे का समय तय हुआ था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण आधे घंटे ही बहस चल सकी. 

मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है बिल

बहस की शुरुआत होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'जो बिल लाया गया है, हम सब उसके खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं के नाम पर लाया गया है, पर इसमें जो प्रावधान हैं, वे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को खत्म करने वाले हैं. इस बिल में मुस्लिम महिलाओं के पति को जेल में डालने का प्रावधान किया गया है.

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आज़ाद ने कहा कि अगर मुस्लिम महिला के शौहर को जेल में डाल दिया जाएगा, तो उनको खर्चा कौन देखेगा? मुस्लिम महिला को आखिर कौन खिलाएगा. बिल में सरकार ऐसा प्रावधान लाए, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को खर्चा देने का प्रावधान हो.

सरकार का तर्क

सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि लाए गए दोनों प्रस्ताव वैध नहीं है. इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. जेटली ने कहा, 'जो प्रस्ताव आए वो 24 घंटे पहले आने चाहिए थे, लेकिन नहीं आए. पहली आपत्ति है कि रिजल्यूशन कहता है कि हम नाम देंगे और बाकी के नाम ले लिए जाएंगे. सेलेक्ट कमेटी एक होनी चाहिए जो हाउस के कैरेक्टर को प्रजेंट करे. दोनों प्रस्ताव हाउस के कैरेक्टर को रिप्रजेंट नहीं करते.' जेटली ने आगे कहा कि बिल के खिलाफ साजिश करने वालों को कमेटी में कैसे रखा जा सकता है. ये नियम है कि ऐसा करने वाले अपने आप कमेटी से डिसक्वालीफाई हो जाते हैं.

लोकसभा में हो चुका है पास

आपको बता दें कि बिल का दोनों सदनों में पास होना जरूरी है, उसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. लोक सभा में यह बिल 28 दिसंबर को पेश किया गया था जो 7 घंटे तक चली बहस के बाद पास हो गया था. बहस के बाद कई संशोधन भी पेश किए गए, लेकिन सदन में सब निरस्त कर दिए गए. इनमें AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भी 3 संशोधन थे.

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