Advertisement

फोन पर तीन तलाक दिया, तो पुलिस ने दर्ज किया मामला

तीन तलाक बिल अभी राज्यसभा में अटका हुआ है, लेकिन लोकसभा से पारित होने के बाद से तीन तलाक देने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को मोबाइल फोन पर तीन तलाक दे दिया. इसके बाद पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
राम कृष्ण
  • कौशांबी,
  • 10 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

तीन तलाक बिल अभी राज्यसभा में अटका हुआ है, लेकिन लोकसभा से पारित होने के बाद से तीन तलाक देने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को मोबाइल फोन पर तीन तलाक दे दिया. इसके बाद पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

Advertisement

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुगलसराय जनपद चंदौली निवासी सोहराब अपनी पत्नी रोजी बेगम और चार बच्चों के साथ मंझनपुर कस्बे के चकनगर मोहल्ले में किराए पर रह रहा था. पति-पत्नी में आए दिन झगड़ा होता रहता था. कुछ दिन पहले सोहराब की पत्नी उसे बिना बताए मायके चली गई थी. इससे नाराज होकर सोहराब चारों बच्चों को लेकर अपने गांव मुगलसराय चला गया था.

शनिवार को जब रोजी बेगम मायके से वापस लौटी, तो उसको पति और बच्चे घर पर नहीं मिले. इस पर रोजी बेगम ने अपने पति को फोन किया, तो उसने मोबाइल फोन पर ही उसे तीन बार तलाक बोलकर कहा कि अब वह उसके साथ नहीं रहेगा. पुलिस अधीक्षक कौशांबी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को रोजी बेगम की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया. उसके पति सोहराब की तलाश की जा रही है.

Advertisement

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दे चुका है. साथ ही केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने का निर्देश दिया था. इस पर मोदी सरकार ने हालिया शीतकालीन सत्र में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 ने बिल पारित करवा लिया था. इसके बाद इसको राज्यसभा में पेश किया गया था, लेकिन विपक्षी दलों के हंगामे के चलते यह फिलहाल लटक गया है.

कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल इस विधेयक में कुछ संशोधन के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेजने पर अड़े थे. इसके चलते राज्यसभा में बिल पास नहीं हो सका. मोदी सरकार का कहना है कि यादि कांग्रेस तीन तलाक पर कोई सार्थक और रचनात्मक सुझाव लाएगी तो उस पर खुले दिल से विचार करने को तैयार है. लेकिन ऐसा प्रस्ताव जो विधेयक की आत्मा को मारता हो और महिलाओं के खिलाफ अन्याय को बढ़ाता उसे स्वीकार्य नहीं करेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement