
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर लाल किले के प्राचीर से ट्रिपल तलाक का जिक्र किया और कहा कि मैं उन माताओं बहनों का अभिनंदन करना चाहता हूं जिन्होंने तीन तलाक की वजह से काफी मुश्किल सहा. इसके बावजूद तीन तलाक के खिलाफ जो उन्होंने संघर्ष किया उसमें देशवासियों ने और मीडिया ने भी साथ दिया, इससे पूरे देश में तीन तलाक के खिलाफ एक माहौल बना. हमें उनको इंसाफ दिलाना है और हिंदुस्तान उनके साथ खड़ा है.
ट्रिपल तलाक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में फैसले की घड़ी है. ऐसे में देश के तमाम राजनीतिक दलों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता व धार्मिक रहनुमाओं ट्रिपल तलाक पर उनकी राय.
'संविधान से चलेगा देश'
तीन तलाक को लेकर कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने कहा है कि देश संविधान के हिसाब से चलेगा न कि परंपराओं के हिसाब से. उन्होंने कहा कि भारत का संविधान पक्षपात की बात नहीं करता है. इनजस्टिस की बात नहीं करता है. मगर तीन तलाक के नाम पर मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा है.
मुस्लिम संगठनों के विरोध पर पीपी चौधरी ने कहा कि कोई भी परंपरा अगर भारतीय संविधान के खिलाफ है, तो उस परंपरा की कोई अहमियत नहीं है.
मां बहनों के साथ धर्म नहीं होगी नाइंसाफी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं के हक में 15 अगस्त से पहले भी 24 अक्टुबर 2016 को ट्रिपल तलाक के खिलाफ कहा था कि मुस्लिम मां बहनों का क्या गुनाह है कि उसे टेलीफोन के जरिए तलाक देकर उनकी जिंदगी को नर्क बना जा रहा है. पीड़ित मुस्लिम मां बहनों ने इंसाफ के लिए न्यायालय गई. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछ कि इस पर क्या राय है तो हमने साफ कर दिया कि
मां बहनों को जाति धर्म के नाम पर उनके साथ नाइंसाफी नहीं होने देगें.
तलाक की गलत प्रैक्टिस हो रही
मणिपुर की राज्यपाल व पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने ट्रिपल तलाक पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को इस्लामिक कानून की व्याख्या और हस्ताक्षेप के मद्दे नजर नहीं देखा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट हमेंशा से न्याय मिला है और आज भी महिलाओं को न्याया मिलेगा. तलाक को लेकर जो गलत फहमिया है वो खत्म हो जाएगी. तलाक को लेकर बहुत बड़ा टंर्निग प्वाइनट है तलाक को लेकर जो एक्ट दुनिया भर में भारत में उसके प्रैक्टिस गलत तरीके से हो रही है. आज वो कोर्ट के जरिए खत्म होगा.
मुस्लिम महिलाएं नहीं चाहती ट्रिपल तलाक में बदलाव
तो वहीं मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक का फैसला देश के संविधान के अनुसार होगा. उन्होंने उम्मीद है कि ऐसा कोई फैसला नहीं आएगा, जो शरियत के मामले में हस्ताक्षेप होगा. उन्होंने कहा कि हम आने वाले किसी भी फैसले का स्वागत करेंगे. देश की करीब 3 करोड़ मुस्लिम महिलाओं ने हस्ताक्षर करके कहा कि उन्हें ट्रिपल तलाक के कानून से संबंधित मौजूदा कानून में कोई बदलाव नहीं चाहती हैं.
न्यु इंडिया में ट्रिपल तलाक नहीं
बीजपी युवा मोर्चा की अध्यक्ष पूनम महाजन ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ‘तीन तलाक’ की प्रथा से पीड़ित सभी महिलाओं की मदद के लिए प्रतिबद्ध है. तीन तलाक को ‘प्रतिगामी’ प्रथा करार देते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि जिस तरह का ‘न्यू इंडिया’ हम बनाना चाहते हैं, उसमें इस प्रथा के लिए कोई स्थान नहीं है. भाजयुमो द्वारा तीन तलाक को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रथा से महिलाओं का अनादर और उनके अधिकारियों का हनन होता है और यह लैंगिक समानता के विरूद्ध है.
मिलेगा महिलाओं को इंसाफ
सामाजिक कार्यकर्ता अमिर रशीद ने कहा कि ट्रिपल तालक ने इस्लाम को एक मजाक बना दिया है. हम तलाक के बारे में जानते हुए भी तलाक के पीड़ितों को तलाक दिया है. सुप्रीम कोर्ट में आज मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलेगा.
महिलाओं के लिए जश्न का दिन
ट्रिपल तलाक के खिलाफ संघर्ष करने वाली जकिया सोमन मानती है यह बहुत बुरा है कि हमारे देश में ट्रिपल तालाक हो. मुस्लिम धार्मिक नेतृत्व इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि फैसला ट्रिपल तलाक के खिलाफ आएगा और मुस्लिम महिलाएं फैसले का जश्न मनाएंगी. आज मुस्लिम महिलाएं मंजिल के सामने खड़ी हैं. मुस्लिम उलेमाओं को ये समझना चाहिए कि मुस्लिम महिलाएं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को अपने कानूनों के उल्लघन करने की इजाजत नहीं देती. ऐसे में कोर्ट के फैसले को पर्सनल लॉ बोर्ड फैसले को स्वीकार करे. उन्हें यह समझना चाहिए कि मुसलमान महिलाएं मुस्लिम निजी कानून बोर्ड को अपने कानूनों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दे रही हैं