
सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. 5 जजों की बेंच ने 3-2 के फैसले के आधार पर तीन तलाक को खत्म कर दिया है. मुस्लिम महिलाएं इस फैसले से खुश नजर आ रही हैं. तो वहीं सरकार की ओर से भी इस फैसले का स्वागत किया गया है.
केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा कदम है, बहुत सालों से औरतें पीड़ित थीं. उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं चाहेगा कि उनके आधे लोग पीड़ित हो. कोई भी धर्म और सामाजिक सिस्टम नहीं चाहेगा कि उनकी आधे लोग पीड़ित हो.
मेनका गांधी ने कहा कि सरकार इस पर जरूर कानून बनाएगी, जल्द कानून में बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. संविधान में सभी के लिए समान अधिकार हैं.
केंद्रीय मंत्री बोलीं कि यह छोटा कदम है लेकिन एक अच्छा कदम, हम लोगों को बहुत दूर जाना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं के हित के लिए बड़े कदम उठाएं, उनका हित चाहा है महिलाओं का. कुछ लोगों के विरोध पर मेनका गांधी का कहना है कि परंपराए जो है पत्थर की लकीर तो नहीं है. जैसे-जैसे जमाना बदलता है, वैसे-वैसे सब को बदलना पड़ेगा.
तिवारी बोले - सरकार ना ले क्रेडिट
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत होता चाहिए, कोर्ट को निकाह हलाला पर भी निर्णय लेना चाहिए. तिवारी ने कहा कि यह मुस्लिम महिलाओं की जीत है, सरकार को इसका क्रेडिट नहीं लेना चाहिए. इस फैसले में बीजेपी और पीएम ने क्या किया है.
संविधान के तहत चलता है देश - पीपी चौधरी
तीन तलाक के मुद्दे पर कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी का कहना है कि हमनें सुप्रीम कोर्ट में संविधान के मुताबिक अपना पक्ष रखा था. भारत का संविधान पक्षपात की बात नहीं करता है, ना ही इनजस्टिस की बात करता है.
इस मुद्दे पर कुछ मुस्लिम संगठनों के विरोध पर पीपी चौधरी का कहना है कि जो परंपरा भारतीय संविधान के तहत नहीं है, उसकी कोई अहमियत नहीं है. देश संविधान के तहत ही चलता है, ना कि किसी परंपरा के अनुसार. उन्होंने कहा कि उन महिलाओं के लिए जिनके साथ न्याय नहीं हुआ 3 तलाक को अब उनको न्याय मिलेगा.