
तीन तलाक के मसले पर मुख्यमंत्री के दरबार में मुस्लिम महिलाओं के आने का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री रामपुर की सीमा से मिले. सीमा को उनके पति ने कथित तौर पर तीन तलाक दे दिया, लेकिन उनका कहना है कि उन्होंने कभी तीन तलाक का शब्द नहीं सुना.
सीमा के साथ-साथ फरहा फेज़ भी योगी जी से मिलीं. फरहा वकील हैं और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ तीन तलाक से जुड़ा मसला दायर किया है. उनका कहना है कि उनको सीएम ने तीन तलाक के मसले पर विस्तार से जानकारी देने के लिए बुलाया था. इससे पहले 27 मार्च को भी वह एक बार उनसे मिल चुके हैं. मुख्यमंत्री ने उनसे महिला विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से मिलकर इस बारे में सुझाव देने को कहा कि तीन तलाक मसले पर सरकार किस तरह के कदम उठा सकती है.
गौरतलब है कि तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम समाज की तमाम महिलाएं सामने आई हैं. इसके पहले भी कई महिलांए तीन तलाक से बर्बाद जिंदगी को बचाने के लिए यूपी के सीएम आदित्यनाथ से मिल चुकी हैं. एक मुस्लिम महिला ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई थी.
इस महिला ने पीएम मोदी से गुहार लगाई थी कि वह तीन तलाक को फौरन खत्म करें, ताकि उस जैसी किसी दूसरी महिला की जिंदगी बर्बाद ना हो. तीन तलाक के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है. कोर्ट ने कहा था कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता की श्रेणी में आता है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे.