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त्रिपुरा: विधानसभा की 60 सीटों के लिए वोटिंग

त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान हो रहा है. गुरुवार सुबह से ही वोटरों में उत्‍साह देखा जा रहा है.

aajtak.in
  • अगरतला,
  • 14 फरवरी 2013,
  • अपडेटेड 9:08 AM IST

त्रिपुरा में 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान हो रहा है. गुरुवार सुबह से ही वोटरों में उत्‍साह देखा जा रहा है.

कई दिग्‍गजों की किस्‍मत दांव पर
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में 249 उम्मीदवार अपनी किस्‍मत आजम रहे हैं, जिनमें मुख्यमंत्री माणिक सरकार, टीपीसीसी अध्यक्ष सुदीप राय बर्मन और नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा के अध्यक्ष बिजय हरंखवाल जैसे दिग्गज भी शामिल हैं.

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महिला वोटरों में भी पूरा उत्‍साह
मतदान सुबह 7 बजे कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच शुरू हुआ. मतदान शुरू होने से पूर्व ही वोटर मतदान केंद्रों पर कतारबद्ध देखे गए. सुदूर इलाकों में आदिवासी लोग, विशेषकर महिलाएं अपनी पारंपरिक और रंग-बिरंगी वेशभूषा पहनकर मतदान के लिए आईं.

वाम मोर्चा व कांग्रेस के बीच टक्‍कर
वाम मोर्चा सत्ता में लगातार पांचवीं बार वापसी कर इतिहास लिखने की उम्मीद कर रहा है. मुख्य मुकाबला वाम मोर्चा, इसके सहयोगियों तथा कांग्रेस और इसके सहयोगियों के बीच है. वाम मोर्चा की मुख्य पार्टी माकपा 56 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि आरएसपी 2 सीटों पर और भाकपा तथा फॉरवर्ड ब्लॉक 1-1 सीट पर चुनाव लड़ रही हैं. कांग्रेस 48 सीटों पर तथा गठबंधन सहयोगियों में आईएनपीटी 11 और नेशनल कान्फ्रेंस आफ त्रिपुरा एक सीट पर चुनाव लड़ रही है.

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चुनाव में 14 महिला उम्‍मीदवार
उम्मीदवारों में 14 महिलाएं भी शामिल हैं. 2008 के चुनावों के मुकाबले इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या चार कम है. चुनाव में 16 राजनीतिक दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. 23 लाख 52 हजार 505 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, जिनमें 11 लाख 64 हजार 656 महिलाएं शामिल हैं.

त्रिपुरा ने आतंक पर कसी नकेल
राज्य में चार दशक पुराने उग्रवाद की समस्या को खत्म करने और शांति तथा सौहार्द स्थापित करने का श्रेय ले रही माकपा त्रिपुरा को अच्छे शासन के लिहाज से आदर्श राज्य के रूप में पेश कर रही है, जो मनरेगा के कार्यान्वयन की सूची में शीर्ष पर है.

हर पार्टी का अपना-अपना एजेंडा
माकपा विभिन्न योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए केंद्र से मिले 15 पुरस्कारों को भी खूब प्रचारित कर रही है. कांग्रेस-आईएनपीटी-एनसीटी गठबंधन ने माणिक सरकार के नेतृत्व वाले ‘खराब शासन’ को अपना चुनावी मुद्दा बनाया है. उसका आरोप है कि वाम मोर्चा के 20 साल के शासन के दौरान केंद्र से कोष दिए जाने के बावजूद कर्मचारी, बेरोजगार और किसान इससे वंचित रहे. गठबंधन ने सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और भाईभतीजावाद के आरोपों को भी महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया है.

बड़े नेताओं ने किया चुनाव प्रचार
चुनाव प्रचार में शामिल रहे दिग्गज नेताओं में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री दीपा दासमुंशी, केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम तथा माकपा नेताओं में प्रकाश करात, सीताराम येचुरी, सूर्यकांत मिश्रा और बृंदा करात शामिल हैं. तीन हजार 41 मतदान केंद्रों में से 409 को अत्यंत संवेदनशील, 535 को ज्यादा संवेदनशील और 726 को संवेदनशील घोषित किया गया है.

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चुनाव में सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी
राज्य में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कुल 250 कंपनियां तैनात की गई हैं . सीमा सुरक्षाबल ने बांग्लादेश से लगती 856 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया है और घुसपैठ रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं.

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