
त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर विवादित बयान दे डाला है. रॉय ने लाउड स्पीकर पर अजान की तुलना दिवाली में पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से की है. त्रिपुरा के राज्यपाल ने ट्वीट कर उन लोगों से सवाल पूछा है, जो दिवाली के दौरान पटाखों से ध्वनि प्रदूषण की शिकायत करते हैं.
तथागत रॉय ने लिखा, 'हर दिवाली पर पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर विवाद होता है, जो साल में कुछ ही दिन जलाए जाते हैं. लेकिन रोज सुबह साढ़े चार बजे लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर कोई बात नहीं होती.'
उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा कि लाउडस्पीकर पर अजान से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सेक्यूलर लोगों की चुप्पी से हैरानी होती है. कुरान या किसी हदीस में लाउडस्पीकर पर अजान की बात नहीं कही गई है.
बीजेपी नेता रॉय ने बताया कि मुअज्जिन को मीनार पर तेज आवाज में अजान करना होता है, इसीलिए मीनारें बनाई गई हैं. लाउडस्पीकर का इस्तेमाल इस्लाम के खिलाफ है.
राज्यपाल रॉय का ये बयान ऐसे वक्त आया है, जब पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने दिवाली पर रात 10 बजे से अगली सुबह 6 बजे तक तेज आवाज वाले पटाखों पर पाबंदी लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए बीजेपी नेता ने स्पष्ट किया हिंदू होने के नाते वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है क्योंकि उत्सव के एक महत्वपूर्ण पहलू पर रोक लगाई जा रही है. रॉय के मुताबिक किसी दिन वायु प्रदूषण का हवाला देते हुए हिंदूओं के अंतिम संस्कार पर भी पाबंदी की बात उठ सकती है.
कई मुद्दों पर कठोर रवैया रखने वाले त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने रोहिंग्या शरणार्थियों को 'कचरा' कह कर विवाद खड़ा कर दिया था. इस मसले पर उन्होंने ट्वीट किया था, 'कोई इस्लामिक देश रोहिंग्याओं को अपनाने के लिए तैयार नहीं है. लेकिन भारत जरूर महान धर्मशाला है. और अगर आप इनकार करते हैं, तो इसे अमानवीय व्यवहार माना जाएगा.'