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माणिक सरकार 1998 से त्रिपुरा में मुख्यमंत्री हैं. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में वो पांचवें कार्यकाल की उम्मीद में लेफ्ट फ्रंट की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं. बता दें कि त्रिपुरा में माणिक सरकार के सीएम बनने से पहले से ही 1993 से लेफ्ट फ्रंट की सरकार लगातार बनती आ रही है.
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव प्रचार के रफ्तार पकड़ने के साथ ही बीजेपी के केंद्रीय नेता यहां ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं. वहीं 69 वर्षीय माणिक सरकार ने बीजेपी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है. मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने बीजेपी पर वोट हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर धनबल के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है. माणिक सरकार के मुताबिक गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अगरतला में अपनी रैली में त्रिपुरा के बारे में गलत तथ्य पेश किए.
इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में माणिक सरकार ने कहा, ‘मुझे चुनौती का सामना करने और त्रिपुरा पर फोकस होता देख अच्छा लग रहा है. चुनाव को लेकर मुझ पर कोई तनाव नहीं है लेकिन इस बार त्रिपुरा पर फोकस होने से हैरान हूं.’
राज्य में एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर नहीं
माणिक सरकार ने दावा किया कि राज्य में एंटी इंकम्बेंसी (सत्ता विरोधी रुझान) जैसी कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने लगातार डिलीवर किया है. इस सरकार का रिकॉर्ड बेदाग है और इसने लोगों के हित में कदम उठाए हैं.’
अलग राज्य की मांग करने वाले IPFT से BJP की साठगांठ
मुख्यमंत्री ने ‘इंडीजिनियस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (IPFT) के साथ हाथ मिलाने के लिए बीजेपी को आड़े हाथ लिया. माणिक सरकार ने कहा, ‘IPFT की मांग अलग राज्य की है और इस पर क्यों विचार किया जा रहा है केंद्रीय गृह मंत्री इसे सपोर्ट कर रहे हैं? क्या कारण है कि एक राजनीतिक दल ऐसे लोगों से मिल रहा है. किसी मुद्दे के तहत या राज्य में अव्यवस्था फैलाने के लिए. केद्र सरकार या राजनीतिक दल कैसे ऐसे संगठन से साठगांठ कर रहा है?’
माणिक सरकार ने पूरे विश्वास के साथ यही संकेत दिया कि बीजेपी की दाल त्रिपुरा में गलने वाली नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम एकजुट हैं और किसी भी ताकत को ध्रुवीकरण या हमारे राज्य को विभाजित करने की इजाजत नहीं देंगे. जब तक लेफ्ट फ्रंट का परचम त्रिपुरा में फहरा रहा है, कोई भी शक्ति राज्य को बांटने में कामयाब नहीं होगी. बीजेपी की कोशिश उस कांग्रेस की कीमत पर जगह बनाने की है जहां अवसरवादी भरे पड़े हैं और जो पाला बदल रहे हैं. इनमें से कई बीजेपी में शामिल हो गए हैं.’
लड़ाई पीएम बनाम सीएम नहीं बल्कि RSS-BJP से
क्या त्रिपुरा में लड़ाई पीएम बनाम सीएम है? इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं ये कह सकता हूं कि ये चुनाव उस राजनीतिक लड़ाई का ही एक स्वरूप है जो हम आरएसएस और बीजेपी से लड़ रहे हैं. इसे निजी लड़ाई के तौर पर कैसे पेश किया जा सकता है.’
मेरी छवि खराब करने की कोशिश
राजनीतिक हत्याओं और अपराध बढ़ने संबंधी आरोपों पर माणिक सरकार ने पलटवार में कहा कि उनकी छवि खराब करने का अभियान छेड़ा गया है. माणिक सरकार ने साथ ही क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला दिया. उन्होंने कहा, ‘ये केंद्र और गृह मंत्रालय से जुड़ा है, इसलिए उन्हें इस ब्यूरो के आंकड़ों को फॉलो करना चाहिए. हमने अपराध रिकॉर्ड को घटाया है फिर ये कैसे नेगेटिव हो सकता है. ये पॉजिटिव डवलपमेंट है. राज्य में उग्रवाद की समस्या पर काबू पा लिया गया है.’
राजनाथ पर गलत तथ्य इस्तेमाल करने का आरोप
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया अगरतला दौरे पर माणिक सरकार ने कहा, ‘नेताओं को झूठ नहीं बोलना चाहिए, चुनाव आते जाते रहते हैं. इन नेताओं की ओर से बोले गए शब्द कायम रहते हैं और लोग उन्हें याद रखते हैं.’ माणिक सरकार ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने अगरतला में अपने दौरे के दौरान गलत तथ्यों और शब्दों का इस्तेमाल किया.
केंद्र से राज्य को मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल नहीं किए जाने संबंधी आरोप पर माणिक सरकार ने कहा, ‘हमें केंद्र से पैसा नहीं मिल रहा, हमारे खाते पारदर्शी हैं. केंद्र सरकार के अधिकारियों की छाप भी साफ है. पैसा आखिरी हफ्ते में रिलीज किया गया. चुनाव की प्रक्रिया मार्च तक पूरी होनी है, इसलिए पैसा इस्तेमाल नहीं किया जा सका....लेकिन तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.
माणिक सरकार ने बीजेपी पर त्रिपुरा चुनाव में बेहतहाशा पैसा खर्च करने का आरोप लगाया. माणिक सरकार ने कहा, ‘कौन नहीं जानता कि बीजेपी चुनाव में किस तरह करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. आम चुनाव में उन्होंने 15,000 करोड़ खर्च किया था. ये बात मीडिया में थी और इसका उन्होंने कभी खंडन भी नहीं किया. उन्होंने कभी गरीबों के लिए कोई कदम नहीं उठाया लेकिन कॉरपोरेट्स के ज़रूर अच्छे दिन आ गए. त्रिपुरा में भी वो ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन राज्य के लोग बहुत सजग हैं. यहां वो लोगों को खरीदने में समर्थ नहीं होंगे.’
चुनाव का खर्च सरकार को उठाना चाहिए
माणिक सरकार ने चुनावी खर्च का पैसा सरकार की ओर से उठाने जाने के विचार की वकालत की. उन्होंने कहा, ‘चुनावी खर्च का पैसा सरकार से आना चाहिए ना कि कॉरपोरेट्स के यहां से. बीजेपी कॉरपोरेटर्स के फायदे के लिए काम कर रही है. अब वो एक छोटे से राज्य में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, इसीलिए वो हम पर हमला कर रहे हैं. असल में लोग महसूस करेंगे कि केंद्र में भी विपक्ष की हम सबसे बड़ी ताकत हैं. इन पार्टियों के नापाक गठजोड़ के खिलाफ त्रिपुरा मशाल उठाएगा. माणिक सरकार ने ये आरोप भी लगाया कि आरएसएस और वीएचपी के निर्देशों पर ही केंद्र सरकार चल रही है.
कॉलेज के दिनों से ही कर रहा हूं योगा
क्या आप योगा करते हैं, इस सवाल के जवाब में माणिक सरकार ने कहा, ‘हां, मैं रोज योगा करता हूं और ये मैं कॉलेज के दिनों से ही करता आ रहा हूं, जिससे कि अपने जीवन में अनुशासन सुनिश्चित किया जा सके.’