मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती और सरकारी कॉलेजों में एडमिशन में हुआ घोटाला अब प्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. विधानसभा में भारी जीत के बाद तीसरी बार सत्ता में आई शिवराज सिंह चौहान सरकार को विधानसभा के पहले ही सत्र में विपक्ष ने इसी घोटाले पर घेरा.
विपक्ष के नेता सत्यदेव कटारे ने सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाते हुए हुंकार भरी कि घोटाले का पूरी तरह पर्दाफाश करके ही वे दम लेंगे. व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) के इस घोटाले में घिरती जा रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार का साथ उसकी अपनी पार्टी के लोग भी नहीं दे रहे हैं.
पिछले दिनों बीजेपी की वरिष्ठ नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस घोटाले को बिहार के चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला करार दिया.
हाल ही में इस घोटाले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अदालत में 750 पन्नों का चालान पेश किया है जिसमें घोटाले में शामिल रहे व्यापम के अधिकारियों और अन्य आरोपियों का जिक्र है. प्रदेश सरकार की संस्था व्यापम सरकारी कॉलेजों के लिए प्रवेश के अलावा कुछ सरकारी विभागों में भर्ती के लिए भी परीक्षाओं का आयोजन करती है.
व्यापम के अधिकारियों पर पैसा लेकर मनमाने तरीके से प्रवेश देने के आरोप हमेशा ही लगते रहे थे. लेकिन इस फर्जीवाड़े का खुलासा पिछले साल जुलाई में अचानक ही हुआ. दरअसल 7 जुलाई को इंदौर में आयोजित मध्य प्रदेश प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) परीक्षा में कई ऐसे मुन्नाभाई पकड़े गए जो दूसरे छात्रों की जगह परीक्षा दे रहे थे.
इन छात्रों से पूछताछ में घोटाले के मास्टरमाइंड डॉ. जगदीश सागर का नाम सामने आया था. सागर की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तब इस बड़े घोटाले का पता चला और जानकारी मिली कि केवल सरकारी कॉलेजों में प्रवेश में ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों की भर्ती में भी लंबे समय से फर्जीवाड़ा चला आ रहा है. तब से लगातार खुलासे हो रहे हैं और व्यापम के अधिकारियों के साथ-साथ नेताओं का भी नाम इस घोटाले में जुड़ता गया.
इस मामले में एसटीएफ ने व्यापम के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और प्रिसिंपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा सहित 130 लोगों के खिलाफ बीते 7 और 9 दिसंबर को दो एफआइआर दर्ज की थीं. त्रिवेदी और महिंद्रा के बयान के आधार पर पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा पर भी एफआइआर दर्ज की गई थी.
इन दोनों ने अपने बयान में कहा था कि लक्ष्मीकांत शर्मा ने उन्हें कुछ छात्रों के रोल नंबर दिए थे. उन छात्रों को ही इन लोगों ने परीक्षा में पास करवाया था. इसके बाद हाल ही में शर्मा से भी पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान पूर्व मंत्री ने इन आरोपों से इनकार किया. लेकिन विपक्ष ने सरकार पर उन्हें बचाने का आरोप लगाया है. उसने कहा था कि शर्मा को गिरफ्तार करने की बजाए सिर्फ पूछताछ करके क्यों छोड़ दिया गया?
व्यापम घोटाले ने उस समय एक रहस्यमय मोड़ ले लिया जब एक शख्स घोटाले से संबंधित ढेरों सबूत होने का दावा करते हुए सामने आया. राजधानी भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दूर बरखेड़ा गांव में रहने वाले ताजवर खान बीती 15 जनवरी को उस समय सुर्खियों में आए जब नेता प्रतिपक्ष कटारे ने विधानसभा में आशंका जताई कि खान की हत्या की जा सकती है.
वजह के रूप में उन्होंने बताया कि खान के पास व्यापम घोटाले के बहुत-से ठोस सबूत हैं. कटारे खान के घर भी गए थे और उनकी पत्नी से मुलाकात भी की.
खान ने ही 2012 में राज्यपाल और लोकायुक्त को व्यापम में चल रहे घोटाले की शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायत में उन्होंने कहा था कि व्यापम ने सहायक शिक्षक वर्ग 2 और वर्ग 3 में भर्ती के लिए जो परीक्षा आयोजित करवाई थी उसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है. खान ने फर्जी तरीके से भर्ती लेने वालों की सूची भी मुहैया करवाई थी.
(व्यापम घोटाले से सबूत होने का दावा करने वाले ताजवर खान)
उन्होंने इंडिया टुडे से दावा किया कि ''इस घोटाले में करोड़ों रु. का खेल हुआ है. इसमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं. मैंने सहायक शिक्षक वर्ग-2 और वर्ग 3 की परीक्षाओं में हो रही धांधली की शिकायत राज्यपाल रामनरेश यादव को 16 अगस्त, 2012 को की थी. इस मामले में राज्यपाल ने पूरे तीन घंटे तक मुझसे बात की थी. इस घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल हैं और वे किस तरह फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं, ''यह सब मैंने उन्हें बताया था और सबूत भी दिए थे.
खान बताते हैं कि कुछ सबूत उन्होंने आरटीआइ के जरिए हासिल किए थे. '' उन्होंने लोकायुक्त से भी शिकायत करने की बात कही, ''मैंने सबूतों के साथ लोकायुक्त को भी इस बाबत शिकायत दर्ज करवाई है. ''
खान पिछले दिनों बरखेड़ा स्थित अपने घर से अचानक गायब हो गए थे. इस बीच व्यापम घोटाले की जांच कर रही भोपाल पुलिस उनके घर पहुंच गई. चार दिन बाद वापस लौट आए खान ने आरोप लगाया कि उनकी गैरमौजूदगी में पुलिस ने उनकी पत्नी के साथ बदसलूकी और मारपीट की तथा बड़ी तादाद में घोटाले से संबंधित कागज उनके घर से उठा ले गई.
खान कहते हैं, ''मैं कहीं भागा नहीं था बल्कि अपने किसी निजी काम से दतिया गया हुआ था. '' वहीं पुलिस ने ताजवर की पत्नी के साथ बदसलूकी के आरोपों से इनकार किया है. खान के घर वापस लौटने पर भोपाल पुलिस ने बरखेड़ा में उनके घर पहुंचकर उनका बयान लिया है.
खान अपनी पत्नी रेशमा और बेटे के साथ एक छोटे से घर में रहते हैं. अब पुलिस ने उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करवा दी है. वे अपने आप को पेशे से पत्रकार और भ्रष्टाचार की आवाज नाम की पत्रिका का संपादक बताते हैं.
खान और उनकी पत्नी का दावा है कि उन्होंने जब से व्यापम की परीक्षाओं में धांधली की शिकायत दर्ज करवाई है तब से उन्हें धमकियां मिल रही हैं. खान ने यहां तक कहा है कि उनकी जान को खतरा है और ऐसे में वे सुसाइड करने को मजबूर हो सकते हैं.
व्यापम घोटाले में अपनी सरकार पर हो रहे चौतरफा हमलों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बचाव की मुद्रा में आ गए हैं. कांग्रेस की ओर से मुद्दा उठाए जाने के बाद उन्होंने विधानसभा में यह स्वीकार किया है कि 2007 से लेकर अब तक सरकारी विभागों में हुई 1,47,000 भर्तियों में से 1,000 नियुक्तियां फर्जी पाई गई हैं.
फिलहाल इन लोगों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है. चौहान ने यह भी कहा कि सरकार किसी भी दोषी को नहीं बख्शेगी.
हालांकि सरकारी कॉलेजों ने फर्जी तरीके से प्रवेश पाने वाले छात्रों के खिलाफ अपने स्तर पर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. प्रदेश के तीन मेडिकल कॉलेजों ने फर्जी तरीके से प्रवेश पाने वाले 153 छात्रों को पिछले हफ्ते निलंबित कर दिया. इन छात्रों ने 2006 से 2012 के बीच प्रवेश लिया था. इनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज हो चुकी है.
यह बात और है कि इनमें से कई छात्र पढ़ाई पूरी करके जा चुके हैं. सस्पेंड किए गए कई छात्र अदालत का दरवाजा खटखटा चुके हैं, ऐसे में फिलहाल इनके खिलाफ भी और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
उमा भारती और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने व्यापम घोटाले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की है. लेकिन चौहान इसके लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने सीबीआइ जांच की मांग यह कहते हुए ठुकरा दी है कि एसटीएफ अपना काम बहुत ईमानदारी से कर रही है.
लेकिन विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी सरकार अपने दोषी नेताओं को बचाने की कोशिश में है. बहरहाल कांग्रेस के पास सरकार को घेरने का मौका है तो सरकार इस मुद्दे पर सांसत में है.