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अमेरिका ने 200 अरब डॉलर के चीनी माल पर लगाया टैक्स, अब चीन की बारी

देश की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अमेरिका का स्थान एक नंबर पर तो चीन दूसरे नंबर है. इन दोनों देशों के बीच आयात शुल्क को लेकर बढ़ी रार दुनिया के लिए आर्थिक खतरा पैदा कर सकती है.

ट्रंप की फाइल फोटो ट्रंप की फाइल फोटो
रविकांत सिंह
  • वॉशिंगटन,
  • 18 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

अमेरिका ने चीन से अपने यहां आयात किए जाने वाले और 200 अरब डॉलर के माल पर ऊंचा शुल्क लगाने की घोषणा की है. इस पर चीन ने भी कहा है कि वह जवाबी कार्रवाई करेगा.

अमेरिका के इस कदम के बाद दुनिया की इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और गहराने का खतरा पैदा हो गया है. अमेरिका इससे पहले दो बार में कुल मिला कर 50 अरब डॉलर के चीनी सामानों पर शुल्क बढ़ा चुका है. चीन ने भी उसके जवाब में कुछ अमेरिकी सामानों पर शुल्क बढ़ाया है.

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चीन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन के हालिया कदम से दोनों देशों के बीच आगे की बातचीत को लेकर ‘नई अनिश्चितता’ पैदा हुई है. अमेरिका और चीन दुनिया की पहले और दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को तीसरे दौर की पहल करते हुए चीन के और 200 अरब डॉलर के आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया. इस साल के अंत तक यह शुल्क बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा.

अमेरिका के इस कदम के जवाब में चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि वह नए शुल्क के खिलाफ उसी तरह के उपाय करने को मजबूर है. एक बयान में वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से लगाए गए शुल्क से दोनों पक्षों के बीच होने वाली बातचीत में नई अनिश्चितता पैदा हो गई है.

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केवल यही नहीं, ट्रंप ने चीन को चेतावनी भी दी है कि यदि उसने नए कदम के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका चीन के और 267 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगा देगा. इसके साथ ही चीन से होने वाले करीब करीब सभी तरह के आयात पर अमेरिका में शुल्क लग जाएगा. चीन से अमेरिका को करीब 522.9 अरब डॉलर का निर्यात होता है.

राष्ट्रपति ट्रंप चीन पर अमेरिका के साथ उसके व्यापार में व्यापार घाटे को कम करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं. साल 2017 में अमेरिका का चीन के साथ दोपक्षीय व्यापार में 335.4 अरब डॉलर का घाटा रहा है. पिछले महीने ही दोनों पक्षों ने व्यापार बातचीत शुरू की थी लेकिन यह निचले स्तर पर हुई थी. चीन के वाणिज्य उप-मंत्री वांग शुवेन ने वाशिंगटन में बातचीत की थी लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला.

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