
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा निक्की हेली को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के दूत के तौर पर नामित किए जाने पर देश की सभी पार्टियों के भारतीय अमेरिकियों ने तारीफ की है. यदि इस बात की पुष्टि हो जाती है तो 44 वर्षीय निक्की किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रशासन में सेवाएं देने वाली कैबिनेट स्तर की पहली भारतीय-अमेरिकी अधिकारी होंगी.
पिछले चार रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में भाग लेने की विशिष्टता हासिल करने वाले रिपब्लिकन नेता सम्पत शिवांगी ने कहा कि इससे भारत एवं अमेरिका के संबंध भी और मजबूत होंगे.
विरासत नहीं भूली निक्की
शिवांगी ने कहा, यह शानदार कदम है, सर्वोच्च वैश्विक संगठन में अब भारत का एक मित्र है. इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य महत्वपूर्ण मामलों में भारत को उचित स्थान हासिल करने में मदद मिल सकती है. हेली के बारे में एक सराहनीय बात यह है कि वह अपनी जड़ें या विरासत भूली नहीं हैं. सिलिकॉन वैली में भारतीय अमेरिकी उद्यमी एम रंगास्वामी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र राजदूत के पद के लिए निक्की बेहतरीन चयन हैं.
उन्होंने कहा, 'उन्हें दक्षिण कैरोलिना में विदेशी कंपनियों एवं सरकारों के साथ पहले भी अनुभव है, निक्की भारत जा चुकी हैं और उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे संबंध हैं.'
ट्रंप की पिछले गुरुवार को न्यूयार्क के ट्रंप टावर में हेली से मुलाकात हुई थी. वह ट्रंप प्रशासन में शामिल की जाने वाली पहली महिला और अल्पसंख्यक होंगी, जो संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की अगली राजदूत के रूप में सामंता पावर का स्थान लेंगी.
सीनेट की मंजूरी जरुरी
हालांकि कैबिनेट के पद के लिए सीनेट की मंजूरी की आवश्यकता होगी. हेली प्राइमरी चुनाव के दौरान ट्रंप को लेकर मुखर थीं और उन्होंने रिपब्लिकन प्राइमरी में सिनेटर मार्को रूबियो का समर्थन किया था. आम चुनावों के पहले उन्होंने अपना रूख बदलते हुए उन्होंने कहा था कि वह ट्रंप को वोट देंगी.
निम्रता 'निक्की' रंधावा, हेली दक्षिण कैरोलिना की पहली अल्पसंख्यक और महिला गवर्नर हैं, रुढ़िवादी माने जाने वाले इस प्रांत में नस्लीय संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है.