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वीजा बैन पर कोर्ट से झटके के बाद भड़के US प्रेसिडेंट ट्रंप, उठाया ये बड़ा कदम...

यात्रा प्रतिबंधों पर लगाई गई रोक के लिए लगातार दूसरे दिन संघीय अदालतों पर बरसते हुए ट्रंप ने चेतावनी दी कि न्यायपालिका अमेरिकियों को ‘खतरे’ में डाल सकती है. इसके साथ ही ट्रंप ने अदालत के फैसले के बाद एक और गृह सुरक्षा को निर्देश दिया था कि वह हमारे देश में आने वाले लोगों की जांच बेहद सावधानी के साथ करे.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
संदीप कुमार सिंह
  • वाशिंगटन,
  • 06 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

7 मुस्लिम देशों के लोगों के अमेरिका आने पर रोक के अपने फैसले को पलटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अदालतों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. यात्रा प्रतिबंधों पर लगाई गई रोक के लिए लगातार दूसरे दिन संघीय अदालतों पर बरसते हुए ट्रंप ने चेतावनी दी कि न्यायपालिका अमेरिकियों को ‘खतरे’ में डाल सकती है. इसके साथ ही ट्रंप ने अदालत के फैसले के बाद एक और गृह सुरक्षा को निर्देश दिया था कि वह हमारे देश में आने वाले लोगों की जांच बेहद सावधानी के साथ करे.

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ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘यकीन नहीं आता कि कोई जज हमारे देश को ऐसे खतरे में डाल देगा. यदि कुछ होता है तो उसका दोष उस पर और न्याय व्यवस्था पर डाला जाए. लोग भीतर आते जा रहे हैं. यह बेहद बुरा है.’

ट्रंप ने लिखा, ‘मैंने गृह सुरक्षा को निर्देश दिया था कि वह हमारे देश में आने वाले लोगों की जांच बेहद सावधानी के साथ करे. अदालतें इस काम को बहुत मुश्किल बना रही हैं.’ इस पूरे प्रकरण की शुरूआत 27 जनवरी को हुई, जब ट्रंप ने सभी शरणार्थियों पर और ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले यात्रियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया.

इससे दुनियाभर में रोष पैदा हो गया और अमेरिका के विभिन्न शहरों एवं हवाईअड्डों पर विरोध प्रदर्शन हुआ. सीएटल में शुक्रवार को एक संघीय जज जेम्स रॉबर्ट ने व्यापक कानूनी समीक्षा लंबित होने के चलते देशव्यापी प्रतिबंध पर रोक लगा दी.

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ट्रंप ने शनिवार को गुस्से में इस मुद्दे पर कई ट्वीट किए और कहा कि ‘तथाकथित जज’ बेहद ‘बचकाना’ है. ट्रंप के इन ट्वीटों की डेमोक्रेट सदस्यों और अन्य लोगों ने कड़ी आलोचना की. उनका कहना था कि राष्ट्रपति सरकार की न्यायिक शाखा में खतरनाक तरीके से दखलंदाजी कर रहे हैं.

अमेरिकी अपीली अदालत ने कल सरकार के उस आपात अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रंप के विवादित प्रतिबंध को बहाल करने के लिए कहा गया था.

ट्रंप टावर के बाहर जब एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कुछ धुर समर्थक और दूसरी ओर ट्रंप विरोधी कुछ प्रदर्शनकारी आमने-सामने की स्थिति में आए तो यह साफ हो गया कि दोनों पक्षों के बीच की खाई कितनी गहरी हो चुकी है. ट्रंप के समर्थन में कल यहां आयोजित हुआ प्रदर्शन 20 जनवरी को उनके शपथग्रहण करने के बाद से राष्ट्रपति के गृहनगर में हुआ पहला सबसे बड़ा प्रदर्शन था.

प्रदर्शनकारियों ने अपने साथी अमेरिकियों से अपील की कि वे राष्ट्रपति को एक मौका दें. इन प्रदर्शनकारियों ने सात मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले लोगों पर लगाए गए विवादित यात्रा प्रतिबंध का समर्थन किया.

इन प्रदर्शनकारियों के हाथ में पकड़े सफेद बैनर पर लिखा था, ‘ट्रंप युग का स्वागत करें.’ ट्रंप समर्थकों के प्रदर्शन करने के दौरान कुछ ही समय बाद ट्रंप विरोधी पर सड़क पर उतर आए और वे अपने संदेश सुनाने के लिए आतुर थे. ट्रंप के विरोधी ‘न प्रतिबंध, न दीवार, शरणार्थियों का यहां स्वागत है.’ के नारे को गीत के रूप में गा रहे थे.

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हालांकि पुलिस ने दोनों समूहों को एक दूसरे से अलग रखा.

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