
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को तालिबान नेताओं के साथ बैठक रद्द करने के ऐलान के बाद शांति वार्ता के फिर से शुरू होने की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. सोमवार को व्हाइट हाउस के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि तालिबान के साथ वार्ता पूरी तरह से दफन हो चुकी है.
तालिबान नेताओं के साथ यूएस की महीनों लंबी चली वार्ता के बाद रविवार को ट्रंप ने बातचीत रद्द करने का ऐलान कर दिया था. अफगानिस्तान में 20 साल तक चले युद्ध के बाद अमेरिका-तालिबान के बीच शांति समझौते की कोशिशें चल रही थीं. इस शांति समझौते के तहत, अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला लेता और बदले में तालिबान अमेरिका को यह आश्वासन देता कि उसकी धरती से अमेरिका के खिलाफ कोई हमला नहीं होगा.
रविवार को शांति वार्ता की बैठक को रद्द करने का ऐलान करते हुए ट्रंप ने काबुल में हुए तालिबान के हमले का हवाला दिया जिसमें एक अमेरिकी सैनिक समेत 12 लोग मारे गए. हालांकि, यह साफ नहीं हो सका है कि वार्ता स्थायी तौर पर बंद हुई है या फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है. लेकिन सोमवार को ट्रंप ने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है तो वह (वार्ता) मेरे लिए खत्म हो गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक ट्वीट में लिखा, तालिबान के प्रमुख नेता और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रविवार को कैंप डेविड में मेरे साथ गोपनीय मुलाकात करने वाले थे. दुर्भाग्यपूर्ण है कि शांति समझौते में अपना पलड़ा भारी करने के लिए तालिबान ने काबुल में हुए हमले की जिम्मेदारी ली जिसमें हमारा एक महान सैनिक और 11 अन्य लोग मारे गए. मैंने तत्काल बैठक रद्द कर दी और शांति वार्ता के प्रयासों को रोक दिया. वे (तालिबान) शांति वार्ता समझौते में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए लोगों की जानें ले रहे हैं? उन्होंने ऐसा कर अपनी स्थिति मजबूत नहीं की है बल्कि और खराब कर ली है...
ट्रंप के फैसले के बाद तालिबान के नेताओं ने कहा कि इससे यूएस को और ज्यादा नुकसान होगा और इस ऐलान के बाद उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं. तालिबान नेताओं ने कहा कि जब तक उनके देश से विदेशी नहीं निकल जाते और अफगानों को अपनी मर्जी की जिंदगी जीने का मौका नहीं मिल जाता है तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ट्रंप के तालिबान के साथ बातचीत रद्द करने के फैसले का स्वागत किया है. अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक तालिबान सीजफायर के लिए राजी नहीं हो जाता है, तब शांति स्थापना नहीं हो सकेगी.