Advertisement

महिलाओं को दरगाह में घुसने से नहीं रोक सकते ट्रस्टीः महाराष्ट्र सरकार

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि ट्रस्टी और दरगाह की कमेटी भले ही इसके प्रशासक हों, पर वे धर्म की अपने हिसाब से व्याख्या कर उसका नियमन नहीं कर सकते.

हाजी अली दरगाह हाजी अली दरगाह
विकास वशिष्ठ
  • मुंबई,
  • 10 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि ट्रस्टी महिलाओं को हाजी अली दरगाह में घुसने से रोक नहीं सकते. दरअसल, बॉम्बे हाई कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें महिलाओं के दरगाह के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक को चुनौती दी गई है. इसी के जवाब में राज्य सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा.

धर्म की अपने हिसाब से व्याख्या का हक नहीं
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल ने कहा कि ट्रस्टी और दरगाह की कमेटी भले ही इसके प्रशासक हों, पर वे धर्म की अपने हिसाब से व्याख्या कर उसका नियमन नहीं कर सकते. कोर्ट ने इससे पहलसे पूछा था कि दरगाह के ट्रस्टी उस नियम पर पुनर्विचार करें जिसमें महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है.

Advertisement

महिलाओं पर पाबंदी के पक्ष में क्या कहते हैं ट्रस्टी?
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान दरगाह के ट्रस्टी की ओर से कहा गया था कि किसी पुरुष मुस्लिम संत की कब्र पर महिलाओं का जाना इस्लाम में गुनाह है. इसलिए दरगाह के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी सही है.

हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार
18 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा था वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगा. सुप्रीम कोर्ट केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर फैसला देने वाला है. इसके बाद ही दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर कोई फैसला होगा. हाई कोर्ट का कहना है कि दोनों मामले धार्मिक हैं इसलिए देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का इंतजार है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement