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‘बिहार प्लस’ दांव के साथ बीजेपी से सौदेबाजी में जुटे नीतीश, शनिवार को पासवान से मिलेंगे

बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार 2019 लोकसभा चुनाव के लिए ‘बिहार प्लस’ की लाइन को आगे बढ़ा रहे हैं. ‘बिहार प्लस’ यानि बिहार के आस-पास के राज्यों में भी जेडीयू का विस्तार.

नीतीश कुमार नीतीश कुमार
आनंद पटेल/खुशदीप सहगल/मोनिका गुप्ता
  • नई दिल्ली ,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:46 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार 2019 लोकसभा चुनाव के लिए ‘बिहार प्लस’ की लाइन को आगे बढ़ा रहे हैं. ‘बिहार प्लस’ यानि बिहार के आस-पास के राज्यों में भी जेडीयू का विस्तार. दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल की ओर से साफ कर दिए जाने के बाद कि महागठबंधन में जेडीयू के लिए कोई जगह नहीं है, नीतीश कुमार के सामने सीमित विकल्प ही रह गए हैं. ऐसे में नीतीश की पूरी कोशिश है कि एनडीए में जेडीयू को सम्मानजनक डील देने के लिए बीजेपी को तैयार किया जाए.  

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बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 12 जुलाई को पटना में नीतीश कुमार से मुलाकात करने वाले हैं. इससे पहले नीतीश दो दिन के दिल्ली दौरे पर आने वाले हैं. शनिवार को नीतीश दिल्ली में लोकजनशक्ति पार्टी के मुखिया राम विलास पासवान के साथ बैठक करेंगे. इस मौके पर एनडीए के सहयोगियों में बिहार और आसपास के राज्यों में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की जाएगी. नीतीश और पासवान दोनों की कोशिश है कि एनडीए में बने रहने के बदले में बीजेपी के साथ सौदेबाजी में अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा जाए.   

सूत्रों के मुताबिक जेडीयू बिहार और पड़ोस के राज्यों में 20 लोकसभा सीटों पर समझौता कर सकता है. इनमें 16 सीटें बिहार में और चार सीटें पड़ोस के राज्यों में हैं. जेडीयू झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और यूपी में भी एक-एक लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े करना चाहता है.  

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नीतीश कुमार दिल्ली में अपने दो दिन के प्रवास के दौरान जेडीयू की राज्य इकाइयों के प्रमुखों के साथ भी बैठक करेंगे. इसके बाद जंतर मंतर स्थित जेडीयू कार्यालय में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी.

नीतीश कुमार ‘बिहार प्लस’ की अपनी लाइन के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी अपनी पार्टी के उम्मीदवार खड़े करना चाहते हैं. इसके बाद जेडीयू की ओर से इसी लाइन को लोकसभा चुनाव में भी बढ़ाया जाएगा. यही वजह है कि जेडीयू ने इन चुनावों के लिए अपनी ओर से तैयारी भी शुरू कर दी है. जेडीयू की कोशिश यही है कि बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर जितनी जल्दी से जल्दी सहमति हो जाए, पार्टी की चुनावी संभावनाओं के लिए उतना ही अच्छा रहेगा. वैसे जेडीयू की ओर से साथ ही संकेत दिया जा रहा है कि 20 लोकसभा सीटों से कम उसे कुछ भी स्वीकार नहीं होगा..

सूत्रों के मुताबिक बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए एनडीए में इस बात पर सहमति बन सकती है कि बीजेपी 20, जेडीयू 16 और लोकजनशक्ति पार्टी 4 सीटों पर चुनाव लड़े. बहुत संभावना है कि एनडीए का एक और मौजूदा घटक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (उपेंद्र कुशवाहा) पाला बदल कर 2019 लोकसभा चुनाव के लिए आरजेडी के महागठबंधन से हाथ मिला ले.

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राष्ट्रीय जनता दल की ओर से नीतीश को लेकर कड़ा रुख अपनाने के बाद अब जेडीयू के महागठबंधन की ओर कदम बढ़ाने की संभावना ना के बराबर रह गई है. कांग्रेस नेता भी नीतीश को महागठबंधन में साथ लेने के मुद्दे पर खुले तौर पर अब कुछ कहने से परहेज कर रहे हैं. वो आरजेडी को नाराज करने की कीमत पर नीतीश से हाथ मिलाने की वकालत नहीं कर सकते.

इस पूरे राजनीतिक परिवेश में जेडीयू के लिए सबसे अच्छा दांव यही है कि बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर जल्दी से जल्दी सहमति बनाई जाए. बहरहाल 12 जुलाई को अमित शाह के पटना दौरे के बाद बिहार की राजनीतिक तस्वीर साफ होने की उम्मीद है. 

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