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शिमला का कचरा चंडीगढ़ के लिए बना परेशानी का सबब

पहाड़ों की रानी शिमला और खूबसूरत नगरी चंडीगढ़ दोनों एक ही लड़ाई लड़ रहे हैं और वह है- कचरे की समस्या. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के एक आदेश के बाद, इस सप्ताह के प्रारंभ से ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से कई टन कचरा चंडीगढ़ ले जाया जा रहा है, जिसे यहां 500 टन प्रतिदिन की क्षमता वाली भट्टी में शोधित किया जाएगा.

कचरा निपटान बनी बड़ी समस्या कचरा निपटान बनी बड़ी समस्या
संदीप कुमार सिंह
  • चंडीगढ़,
  • 10 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 8:15 PM IST

पहाड़ों की रानी शिमला और खूबसूरत नगरी चंडीगढ़ दोनों एक ही लड़ाई लड़ रहे हैं और वह है- कचरे की समस्या. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) के एक आदेश के बाद, इस सप्ताह के प्रारंभ से ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से कई टन कचरा चंडीगढ़ ले जाया जा रहा है, जिसे यहां 500 टन प्रतिदिन की क्षमता वाली भट्टी में शोधित किया जाएगा.

चंडीगढ़ ने जताया विरोध
लेकिन इस कदम से चंडीगढ़ में काफी दुर्गंध फैल रही है और नगर निगम इस खूबसूरत शहर में किसी और स्थान का कूड़ा लाने का विरोध कर रहा है. चंडीगढ़ नगर निगम की आयुक्त भावना गर्ग ने शिमला के अपने समकक्ष को पत्र लिखकर शहर का कचरा यहां भेजने पर आपत्ति जताई है.

13 को अगली सुनवाई
अपने पत्र में गर्ग ने लिखा है कि एनजीटी का आदेश चंडीगढ़ नगर निगम को शामिल किए बगैर दे दिया गया. गर्ग ने शिमला के निगम आयुक्त से आग्रह किया है कि एनजीटी की सुनवाई की अगली तारीख यानी 13 अक्टूबर तक कचरा न भेजा जाए. एनजीटी के आदेश का संज्ञान लेते हुए चंडीगढ़ नगर निगम के अधिकारी इस मामले में चंडीगढ़ को पक्ष बनाने के लिए एनजीटी जाने की तैयारी कर रहे हैं. एनजीटी का आदेश एक अक्टूबर को आया था और पांच अक्टूबर से कचरे से भरे ट्रक यहां आने शुरू हो गए थे.

चंडीगढ़ नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि शहर में कचरा केवल शिमला से ही नहीं आ रहा, बल्कि हिमाचल प्रदेश के ही सोलन शहर और औद्यौगिक केंद्र बद्दी से भी आ रहा है. चंडीगढ़ की महापौर पूनम शर्मा ने इसी मुद्दे पर गुरुवार को निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की. शर्मा ने कहा, 'मुलाकात में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई और फैसला किया गया कि एनजीटी के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी.'

चंडीगढ़ ने अपना कचरा उपचार संयंत्र दादू माजरा गांव में लगाया है, जिसका प्रबंधन निजी क्षेत्र के जेपी समूह द्वारा किया जाता है. उपचार संयंत्र के अधिकारियों ने कहा कि चंडीगढ़ नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अन्य स्थानों से कचरा स्वीकार न करने के निर्देश के बावजूद वे एनजीटी के आदेश से बंधे हैं.

इनपुट...IANS.

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