
छत्तीसगढ़ के रायपुर में दो भाईयों की बैंकों के अधिकारियों और पुलिस को लंबे समय से तलाश थी, जिसमें से एक पुलिस के हत्थे चढ़ गया. वो भी पूरे तीन साल बाद. दोनों भाई बैंकों को चूना लगाने में माहिर हैं. बैंक से फर्जी नाम से वाहनों के लिए लोन लेते और एक-दो किस्त जमा करने के बाद फरार हो जाते. उन गाड़ियों को बेंच कर बड़े शहरों में ऐश करते हैं.
जानकारी के मुताबिक, दोनों आरोपी भाईयों के नाम अंशुल बाफना उर्फ मन कुमार राय और प्रवीण बाफना है. इसमें अंशुल बाफना को पुलिस ने शहर के मोतीबाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया. फर्जी दस्तावेज के जरिए 17 लाख 70 हजार रुपये लोन लेकर अंशुल बाफना ने बैरन बाजार स्थित एसबीआई से 2014 में एक लग्जरी कार फाइनेंस करवाई थी.
बैंक से लोन लेते समय अंशुल ने अपना असल नाम के बजाय मन कुमार राय के नाम से तमाम दस्तावेज बैंक को सौपे थे. इसके अलावा तीन और बैंको में उसने अलग-अलग नाम से कार लोन के लिए आवेदन किया था. इसी तर्ज पर अंशुल के भाई प्रवीण बाफना ने भी एसबीआई से 2014 में हाइवा वाहन खरीदने के लिए 22 लाख रुपए का लोन लिया था.
पुलिस के मुताबिक, दोनों शातिर आरोपी ट्रांसपोर्टिंग और कंस्ट्रक्शन के कारोबार से जुड़े हैं. उन्होंने फर्जी नाम से लोन के अलावा कई ऐसे दस्तावेज भी बनाए, जो वाहनों की खरीदी बिक्री में बतौर जालसाजी उपयोग में आ सकते हैं. पुलिस ने बैंक के अफसरों के बयान भी दर्ज किए हैं. दोनों आरोपियों ने कार लोन के नाम पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम फाइनेंस कराई थी.