
बंदूक का भय दिखाकर अपने तीन सहयोगियों के साथ मिलकर एक पुजारी की 19 वर्षीय पत्नी के साथ गैंगरेप करने और मंदिर परिसर में डकैती डालने वाले दो लोगों को दिल्ली की एक अदालत ने दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशन जज एम सी गुप्ता ने 40 वर्षीय कृष पाल और 48 वर्षीय कमल दास को आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की गैंगरेप, डकैती और डकैती के साथ हत्या करने या गंभीर रूप से घायल करने की धाराओं के तहत 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
अदालत ने उन्हें गैंगरेप के अपराध के लिए दोषी ठहराते हुए कहा, ‘यह स्पष्ट रूप से साबित होता है कि आरोपी कृष पाल और कमल दास द्वारा महिला के साथ यौनाचार उसकी मर्जी के खिलाफ था.’ कोर्ट ने दिल्ली निवासी कृष और मेरठ निवासी कमल पर 35-35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
इन दोनों दोषियों के अलावा वीरेंद्र और सुनील कुमार को पहले ही डकैती और गैंगरेप का दोषी ठहराकर अदालत द्वारा सजा सुनाई जा चुकी थी. इनके अलावा राज पाल को घोषित अपराधी ठहराया गया.
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि मार्च 2005 में कृष और कमल ने वीरेंद्र और सुनील के साथ मिलकर बंदूक की नोंक पर महिलाओं के जेवर लूटे और उसे मार डालने की धमकी देकर एक-एक करके उसके साथ गैंगरेप किया. अदालत ने कहा कि महिला ने तब दो माह पहले ही एक बच्ची को जन्म दिया था. इस महिला के साथ रेप करने से पहले ये लोग बेगमपुर इलाके में स्थित मंदिर का ताला तोड़कर परिसर में घुसे, पुजारी को पीटा और कई चीजें लूट लीं.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, यह घटना 18-19 मार्च 2005 के बीच की रात को उस समय हुई, जब पुजारी मंदिर में सो रहा था जबकि उसकी पत्नी, बच्ची और चार वर्षीय साला साथ के कमरे में सो रहे थे. पुलिस ने कहा कि रात को एक बजे कृष, कमल, वीरेंद्र, सुनील और राज पिस्तौलों, बंदूकों और तलवारों के साथ मंदिर का दरवाजा तोड़कर वहां घुसे और पुजारी से एक लाख रुपये की मांग की. जब पुजारी ने उन्हें कहा कि उसके पास पैसा नहीं है तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया और रस्सियों से बांध दिया.
पुलिस ने कहा कि इसके बाद उन्होंने दूसरे कमरे का दरवाजा खोला, जहां पुजारी का परिवार सो रहा था. वहां उन्होंने उसकी पत्नी के सोने के गहने लूट लिए और उसके साथ गैंगरेप किया.
सुनवाई के दौरान कृष और कमल ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है.
हालांकि कोर्ट ने यह कहते हुए उनकी बात खारिज कर दी कि ऐसी कोई वजह नहीं है कि महिला और पुजारी उन्हें झूठे मामले में फंसाएं और फोरेंसिक प्रमाणों से भी अपराध में उनकी संलिप्तता की पुष्टि हुई है.