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आईआईटी जेईई मेन एग्जाम को क्रैक कर मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले मंडला की दो लड़कियों ने एक मिसाल कायम कर दी है.
दोनों लड़कियां (गीता टेकाम, संतोष कुमार) मध्यप्रदेश के मंडला जिले की रहने वाली हैं जो यहां के सबसे पिछड़े इलाकों मे एक है. ये दोनों एग्जाम पास करने वाली पहली आदिवासी बैगा लड़कियां हैं.
18 साल की इन लड़कियों की उपलब्धि और भी खास इसलिए हो जाती है क्योंकि वह मध्यप्रदेश के मंडला जिले के उस सबसे पिछड़े क्षेत्र से आती हैं, जहां प्रारंभिक शिक्षा आज भी दूर की बात हैं. उनकी जाति को आज भी केंद्र सरकार ने सबसे पिछड़े ट्राइबल ग्रुप में रखा हुआ है जो कि आज भी दूरदराज के इलाकों में रहते है.
8वीं पास पिता की बेटी गीता टेकाम कहती हैं कि उसका केवल एक ही लक्ष्य था और वह था इंजीनियरिंग की परीक्षा पास करना. गीता कहती है कि मेरे माता पिता यह नहीं जानते है कि इंजीनियरिंग क्या है. मैनें उन्हें बताया कि मैंने एक परीक्षा पास कर ली है और उन्होंने इसके लिए मुझे बधाई दी.
दूसरी बैगा टॉपर संतोष कुमार से जब इंजीनियरिंग में पसंद की ब्रांच के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि मुझे तो सारे विषय पसंद है मुझे इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए इसका चुनाव आगे करूंगी.
दोनों स्टूडेंट्स की इस सफलता पर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें बधाई दी.