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अमर्त्य सेन को नीतीश कुमार का साथ तो उद्धव ठाकरे की 'नसीहत'

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्त्य सेन की टिप्पणी के चलते उनसे भारत रत्न वापस लेने की बीजेपी सांसद चंदन मित्रा की मांग पर सियासी बयानबाजी अभी जारी है.

अमर्त्य सेन अमर्त्य सेन
aajtak.in
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  • 26 जुलाई 2013,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्त्य सेन की टिप्पणी के चलते उनसे भारत रत्न वापस लेने की बीजेपी सांसद चंदन मित्रा की मांग पर सियासी बयानबाजी अभी जारी है.

शिवसेना ने चंदन मित्रा के इस मांग की निंदा की है, लेकिन इसके साथ उसने इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री को राजनीति में ‘टांग नहीं घुसाने’ की भी सलाह दी है.

सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा, ‘सेन एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री हैं और उनके विरोधियों द्वारा इस तरह की मांग (भारत रत्न वापस लेने की) नहीं की जानी चाहिए.’

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उन्होंने कहा, ‘अमर्त्य सेन एक अर्थशास्त्री हैं, लेकिन इस देश का गरीब नहीं जानता कि वह असल में करते क्या हैं. देश की अर्थव्यवस्था खराब हालत में है. यह मोदी नहीं है, जिसने ऐसा किया और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने के बावजूद अमर्त्य सेन के पास इसकी कोई दवा नहीं है.’

उद्धव ने कहा, ‘अगर लोग सेन से पहले अपना काम ठीक ढंग से करने और राजनीति में टांग घुसाने से बचने को कहें, तो वह क्या जवाब देंगे'

इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'बीजेपी नेता का बयान असहनशीलता का प्रतीक है. यह भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है.'

नीतीश ने कहा कि भारत के संविधान में लोगों को अपने विचार प्रकट करने की आजादी है और ऐसा करने से कोई रोक नहीं सकता. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर अमर्त्य सेन के किसी विषय पर विचार प्रकट करने के लिए अगर उनको धमकाया जाता है कि हम उनका भारत रत्न वापस ले लेंगे, यह गलत है.

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गौरतलब है कि सेन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि मोदी की पहचान धर्मनिरपेक्ष नहीं है और इसलिए वह नहीं चाहते कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें. इस प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने मोदी के विकास मॉडल की भी निंदा की थी. सेन की इस टिप्पणी के बाद, बीजेपी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ पत्रकार मित्रा ने सेन को दिए गए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न उनसे वापस ले लेने की मांग की थी.

हालांकि, विवाद खड़ा होने के बाद चंदन मित्रा ने अपनी बात पर खेद प्रकट करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह ‘कुछ ज्यादा’ कह गए थे. मित्रा ने कहा, ‘मुझे लगता है मैं शायद कुछ ज्यादा बोल गया. डा. सेन से भारत रत्न वापस लेने वाली बात पर मैं खेद जताता हूं, मैं कुछ ज्यादा कह गया.’ बीजेपी पहले ही मित्रा की बात से अपने को अलग कर चुकी है.

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