
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने पिता बाला साहेब ठाकरे से किए गए वादे को पूरा करना चाहते हैं, जिसमें उन्होंने एक दिन किसी शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी. बालासाहेब के सपने को साकार करने लिए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से 25 साल पुरानी दोस्ती को तोड़कर अपने विरोधी एनसीपी-कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया. शिवसेना शनिवार को सरकार बनाने का दावा पेश करती, लेकिन उससे पहले ही शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने एनसीपी को तोड़कर बालासाहेब के सपने को चकनाचूर कर दिया.
दरअसल, शिवसेना को उम्मीद थी कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस-एनसीपी उसे तत्काल समर्थन दे देंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की कांग्रेस-NCP नेताओं के साथ कई दौर की बैठकों के बाद ही सरकार बनाने का फॉर्मूला तय हुआ. शुक्रवार शाम सार्वजानिक रूप से कहा गया कि उद्धव ठाकरे पांच साल के लिए सीएम बनेंगे और शनिवार को 12.30 बजे तीनों दल के नेता राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी नेताओं की शुक्रवार शाम को हुई बैठक के बाद कांग्रेस नेता मानिकराव ठाकरे ने कहा था कि यह लगभग फाइनल हो गया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा. एनसीपी ने कभी भी सीएम पद की मांग नहीं की थी. उधर, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना की गठबंधन सरकार में पूरे 5 साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा. इस तरह से बालासाहेब का सपना साकार होता दिख रहा था.
अजित पवार ने बदला महाराष्ट्र का सियासी खेल
महाराष्ट्र में किंगमेकर बनकर उभरे शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रातोरात ऐसा खेल किया कि महाराष्ट्र का सियासी गेम ही पलट गया. शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनानेकी योजना बनाते ही रह गए और अजित पवार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. अजित पवार एनसीपी विधायक दल के नेता हैं. ऐसे में विधायक दलों के हस्ताक्षर किए हुए समर्थन पत्र भी उन्हीं के पास था. ऐसे में उन्होंने शरद पवार सहित तमाम एनसीपी नेताओं को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है.
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार की सुबह 8 बजे देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई. हालांकि शरद पवार ने कहा कि यह एनसीपी का समर्थन नहीं है. वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा कि परिवार और पार्टी टूट गई है. इसका मतलब साफ है कि अजित पवार ने एनसीपी को तोड़कर सरकार बनाने में कामयाब हो गए हैं. लेकिन असल परीक्षा अभी सदन में होनी हैं.
महाराष्ट्र में फडणवीस-अजित पवार की सरकार बनने के साथ ही उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के अरमानों पर पानी फिर गया है. यही वजह है कि शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार वकील से मिलने के बहाने बाहर गए थे. सत्ता और पैसे के दम पर पूरा खेला हुआ है. अजित पवार नजर नहीं मिला पा रहे थे. अंधेरे में अजित पवार ने डाका डाला है. अजित पवार और उनके साथियों ने छत्रपति शिवाजी का नाम बदनाम किया है.