
लंबे अर्से से खबरें आ रही हैं कि पंजाब में ड्रग एडिक्शन खतरनाक तरीके से बढ़ रही है. और जिन पंजाबी गानों पर परिवार पार्टियों में झूमते हैं, उनमें भी इनका लंबा-चौड़ा जिक्र होता है. तो फिर फिल्म 'उड़ता पंजाब' में कट्स लगाने से पहले सेंसर बोर्ड ने क्या सोचा होगा...
ये तो पता ही है कि सेंसर बोर्ड फिल्मों का माई-बाप है. तो 'प्रोटेक्शन' और 'केयर' के नाते कुछ तो उसके दिमाग में भी आया होगा कि क्यों इस फिल्म को यहां-वहां से कुतरा जाए. अब लॉजिकल माइंड में तो हमारे भी कुछ नहीं आया. मगर सेंसर बोर्ड की तरह सोचा तो कुछ पॉइंट्स पर दिमाग की बत्ती जल गई.
आप देखें और बताएं कि सहमत हैं कि नहीं-
1. क्योंकि हमें पेड़ों के आसपास वाला नाच-गाना पसंद है
स्टेज पर शाहिद की बोल्ड वाली परफॉर्मेंस शायद सेंसर बोर्ड को न पची हो. उनको लगता हो कि बारिश और पेड़ों के आसपास वाला डांस और रोमांस ही दर्शक देखना
चाहते हों.
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2. क्योंकि हम शालीन देश हैं
इत्ती गालियां... अरे यार हम शालीन देश हैं. बातचीत में गाली-गलौच चलती हो लेकिन सेंसर बोर्ड को लगता होगा कि इसे पर्दे पर दिखाने की क्या जरूरत है.
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3. क्योंकि सच इतना बड़ा नहीं होता कि बड़े पर्दे पर दिखाया जा सके
फिल्में समाज का आईना होती हैं लेकिन सेंसर बोर्ड मानता है कि कोई भी सच इतना बड़ा कैसे हो सकता है कि उसे बड़े पर्दे पर दिखाया जा सके.
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4. क्योंकि Tommy किसी स्टार का नाम नहीं हो सकता
अब अनुराग ने शाहिद के किरदार को नाम ही ऐसा दे दिया. बताओ ये कैसे मुमकिन हो सकता है!
5. क्योंकि युवाओं से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं है
सेंसर बोर्ड को लगता होगा कि युवा तो ऐसे ही कंफ्यूज रहते हैं तो इनसे जुड़े मुद्दे उठाना फिजूल बात है...
6. क्योंकि Internet पर कुछ नहीं दिखता
सेंसर बोर्ड ने शायद अभी यह समझा नहीं है कि यंग जेनेरेशन I for मैं नहीं, Internet समझती है.
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7. क्योंकि 89 कट्स के बाद भी फिल्म में देखने के बाद कुछ बचता है
खबर है फिल्म में 89 कट्स लगे हैं. अगर यह सच है तो बस इतना बता दो यार कि अब देखने को बचा क्या है...
अब आप खुद ही सोच लें कि 'ए' सर्टिफिकेट की जरूरत किसे है!