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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा की तारीख का ऐलान कर दिया है. बोर्ड इस 8 जुलाई को इस परीक्षा का आयोजन करेगा. इस साल जूनियर रिसर्च फैलोशिप में सम्मिलित होने के लिए अधिकतम आयु सीमा दो साल बढ़ा दी गई है. साथ ही सीबीएसई ने परीक्षा से आवेदन को लेकर भी कई जानकारी जारी की है.
कब से शुरू होंगे आवेदन
बोर्ड के अनुसार नेट के लिए इच्छुक उम्मीदवार 6 मार्च 2018 से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तरीख 5 अप्रैल 2018 है और शुल्क का भुगतान 6 अप्रैल 2018 तक किया जा सकेगा. यूजीसी नेट के तहत जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) में सम्मिलित होने के लिए अधिकतम आयु सीमा दो साल बढ़ा दी गई है, अर्थात् वर्तमान उच्च आयु सीमा को 28 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया गया है.
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ये होगा परीक्षा पैटर्न
सहायक प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फोलोशिप की पात्रता के लिए आयोजित होने वाले यूजीसी नेट की संशोधित स्कीम के अनुसार परीक्षा में दो पत्र होंगे. इसमें पहला पत्र 100 अंकों का होगा, जिसमें 50 प्रश्न पूछे जायेंगे और सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे. दूसरा पत्र 200 अंकों का होगा, जिसमें 100 प्रश्न होंगे और सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे. प्रश्नपत्र प्रथम में 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न दो अंकों के होंगे. दूसरे प्रश्नपत्र में उम्मीदवारों द्वारा चयन किए गए विषय पर आधारित 100 वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होंगे और सभी प्रश्न दो अंकों के होंगे.
पाठ्यक्रम में हो सकता है ये बदलाव
यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रत्येक तीन वर्ष में अपनी पाठ्यचर्या का उन्नयन करने और उसकी समीक्षा करने का सुझाव दिया है. मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूजीसी ने उच्चतर शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की दृष्टि से ऐच्छिक और अनिवार्य पाठ्यक्रम के लिये विभिन्न विषयों में माडल पाठ्यक्रम निर्धारित किए हैं. इन पाठ्यक्रमों की समय समय पर समीक्षा की जाती है.
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अधिकारी ने बताया कि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को प्रत्येक तीन वर्ष में अपनी पाठ्यचर्या का उन्नयन और समीक्षा करने का सुझाव दिया है ताकि इन्हें रोजगारोन्मुखी बनाने के साथ कौशल सम्पन्न बनाया जा सके. यूजीसी ने पाठ्यक्रमों में नवाचार और सुधार लाने, शिक्षण सुगम बनाने के साथ परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रणाली के माध्यम से उच्चतर शिक्षा में शैक्षिक मानकों एवं गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली जैसी पहल की है.