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ब्रिटेन में भारतीय छात्रों का कमाल, बनाई ऐसी तकनीक जो पानी से निकाल देगी फ्लोराइड

चेन्नई आधारित इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्रों ने UK-India Social Innovation Challenge 2017 में तीसरा स्थान हासिल किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोयोला इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के इन छात्रों ने एक ऐसी तकनीक बनाई है, जिसके जरिये गांवों में साफ पानी की व्यवस्था की जा सकती है. इनकी बनाई तकनीक की मदद से फ्लोराइड युक्त पानी को साफ कर उसे पीने योग्य बनाया जा सकता है.

UK-India Social Innovation Challenge 2017 (Photo : Hangout) UK-India Social Innovation Challenge 2017 (Photo : Hangout)
वंदना भारती
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

चेन्नई आधारित इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले छात्रों ने UK-India Social Innovation Challenge 2017 में तीसरा स्थान हासिल किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोयोला इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के इन छात्रों ने एक ऐसी तकनीक बनाई है, जिसके जरिये गांवों में साफ पानी की व्यवस्था की जा सकती है. इनकी बनाई तकनीक की मदद से फ्लोराइड युक्त पानी को साफ कर उसे पीने योग्य बनाया जा सकता है.

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बता दें कि दुनियाभर में 25 ऐसे देश हैं, जहां पानी में फ्लोराइड का स्तर बहुत ज्यादा है. फ्लोराइड प्रदूषित पानी के मामले में भारत और चीन सबसे ज्यादा प्रभावित देश हैं.

दरअसल, फ्लोराइड की वजह से Skeletal fluorosis नाम की बीमारी होती है. जिसकी वजह से हड्ड‍ियां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं और फिर व्यक्त‍ि धीरे-धीरे अपने रोजाना के कामकाज से भी दूर होने लगता है. फ्लोराइट युक्त पानी पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती बना हुआ है.

ब्रिटेन में आयोजित इस प्रतियोगिता को UK-India Social Entrepreneurship Education Network (UKISEEN) की पहल से शुरू किया गया, जिसमें भारत और ग्रेट ब्रिटेन के 50 छात्र अपने प्रोजेक्ट्स के साथ शामिल हुए थे.

इस प्रतियोगिता के टॉप 10 में 8 भारतीय छात्र अपनी जगह बनाने में कामयाब हुए.

दरअसल, यह प्रतियोगिता इस उद्देश्य के साथ आयोजित की गई थी ताकि ब्रिटेन के सतत विकास के लिए बेहतरीन आइडिया मिल सकें ओर सोशल एंटरप्राइजेज को साफ पानी और शौच जैसे बिजनेस मॉडल के बारे में प्रस्ताव दिया जा सके, जो ब्रिटेन के सतत विकास के 6वां सबसे महत्वपूर्ण गोल है.

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जीतने वाली टीमों को क्रमश: 15,00 पाउंड, 1000 पाउंड और 500 पाउंड की इनाम राशि से नवाजा गया.

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