
शेरों की प्रजाति को बचाने में योगदान देने के लिए भारत की परिस्थिति वैज्ञानिक उमा रामकृष्णनन को पार्कर जेनेटरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.
उमा यह अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय हैं. वह नेशनल सेंटर फॉर बॉयोलॉजिकल सांइसेज, बंगलुरू में बतौर असिस्टेंट
प्रोफसर काम कर रही हैं. वह अपने इस काम के जरिए जीवों के संरक्षण और खासतौर पर शेरों की प्रजाति के बचाव के लिए काम कर रही हैं.
उमा रामकृष्णनन का मानना है कि शेरों के विलुप्त होने के पीछे इंसानों को हाथ है क्योंकि जंगलों को खत्म करने का काम मावन प्रजाति ही कर रही है. इसलिए वह शेरों को बचाने का काम कर रही हैं और उन्हें पूरा विश्वास है किे उनके काम से प्रभावित होकर उनकी फील्ड से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा.