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सीरियाई शरणार्थियों की मदद का संयुक्त राष्ट्र का आह्वान

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की कार्यकारी निदेशक एर्थरिन कॉसिन ने जॉर्डन और लेबनान के दौरे के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पड़ोसी देशों में विस्थापित सीरियाई शरणार्थियों की मदद जारी रखने का आह्वान किया है. धन की कमी के कारण डब्ल्यूएफपी को अपनी खाद्य सहायता में 50 प्रतिशत तक कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

सीरियाई शरणार्थियों की स्थिति दयनीय सीरियाई शरणार्थियों की स्थिति दयनीय
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2015,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की कार्यकारी निदेशक एर्थरिन कॉसिन ने जॉर्डन और लेबनान के दौरे के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पड़ोसी देशों में विस्थापित सीरियाई शरणार्थियों की मदद जारी रखने का आह्वान किया है. धन की कमी के कारण डब्ल्यूएफपी को अपनी खाद्य सहायता में 50 प्रतिशत तक कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा है कि अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान कॉसिन ने सीरियाई शरणार्थियों और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने धन की कमी के कारण लाखों शरणार्थियों के सामने खड़ी हुई समस्याओं की ओर सभी का ध्यान आकर्षित किया.

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दुजारिक ने कहा, 'सीरिया में युद्ध के कारण प्रभावित लोग और क्षेत्र में मौजूद शरणार्थियों को डब्ल्यूएफपी की खाद्य सहायता स्थिरता प्रदान कर रही है. इस सहायता के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की उदारता पर निर्भर है.' उनका कहना है कि जिन सीरियाई लोगों से उन्होंने मुलाकात की है, उन्हें असहाय स्थिति में नहीं छोड़ा जा सकता.

सीरिया में संघर्ष की स्थिति उस समय से शुरू है, जब राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए 2011 में सरकार ने कार्रवाई शुरू की. संघर्ष के चार साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सीरिया संकट का हल अभी तक नहीं निकल पाया है.

-इनपुट IANS

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