
मालदीव में गहराया राजनीतिक संकट पूरी दुनिया में चिंता का विषय बनता जा रहा है. मालदीव में पनपी ये स्थिति आलोचना का केंद्र बन चुकी है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुतेरस ने भी बुधवार को मालदीव में आपातकाल की घोषणा पर गंभीर चिंता जताई है. साथ ही उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के नेतृत्व वाली सरकार को संविधान एवं कानून व्यवस्था बरकरार रखने की अपील की.
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गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा, ‘महासचिव मालदीव की सरकार से संविधान और कानून व्यवस्था बनाए रखने, जल्द से जल्द आपातकाल हटाने तथा न्यायपालिका के लोगों समेत देश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाने की अपील करते हैं.
बता दें कि मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद विपक्ष के नौ नेताओं को रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा था असंतुष्टों को अवश्य रिहा किया जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ मुकदमा राजनीति से प्रेरित और गलत था.
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लेकिन सरकार ने आदेश के क्रियान्वयन से इनकार कर दिया जिसके बाद राजधानी माले में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं. इन झड़पों के बाद यामीन ने कल आपातकाल घोषित कर दिया. आपातकाल की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और अन्य न्यायाधीश अली हामिद को गिरफ्तार कर लिया गया.
जिसके बाद अब गुतेरस का यह बयान जारी कर अपनी चिंता व्यक्त की है.
यमीन द्वारा आपातकाल की घोषणा करना और न्यायाधीशों की गिरफ्तारी की दुनियाभर में निंदा हुई है, जिससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य निर्वाचित होने की उसकी महत्वाकांक्षा को धक्का लग सकता है.