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Exclusive: रुपानी बोले- मोदीजी हैं सूरज, गुजरात में उनका कोई विकल्प नहीं

हमारे पास चुनाव के लिये मोदीजी का नाम ही बहुत है. यहां चेहरे की जरूरत नहीं है, गुजरात में मोदीजी सिक्के की दो पहलू की तरह हैं. मुख्यमंत्री का चेहरा संसदीय बोर्ड तय करेगा.

इंडिया टुडे के कार्यक्रम में विजय रुपानी इंडिया टुडे के कार्यक्रम में विजय रुपानी
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 23 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से अहमदाबाद में आयोजित किए गए 'स्टेट ऑफ द स्टेट' कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने शिरकत की. विजय रुपानी ने कहा कि नोटबंदी का वाइब्रंट गुजरात पर कोई असर नहीं होगा. और साल 2017 में पिछले सालों के मुकाबले में ज्यादा निवेश आएगा. 

'आज तक' की संवाददाता गोपी घांघर ने मुख्यमंत्री विजय रुपानी से खास बातचीत की:

सवाल- नरेंद्र मोदी ने जब से गुजरात के मुख्यमंत्री का पद छोड़कर प्रधानमंत्री का पद संभाला है, उनके बाद यहां लगातार जातिगत आंदोलनों का दौरा जारी है. हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, अल्पेश ठाकुर जैसे युवा नेता उभरे हैं? 
जवाब- इसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेदार नहीं है. आरक्षण का मामला सिर्फ गुजरात में ही नहीं है, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में भी ऐसे आंदोलन हो रहे हैं. इस देश को जातिवाद के जरिए तोड़ने की कोशिश हो रही है. गुजरात के समाज में कोई तनाव नहीं है. ऊना में जो हुआ वह राजनीति से प्रेरित था. ऊना मामले में हमारी सरकार ने तत्परता से काम किया और विशेष अदालत का गठन कर पुलिस अधिकारियों को भी सस्पेंड किया. मामला अभी चल रहा है दोषियों को जरूर सजा मिलेगी. देश के अलग-अलग राज्यों में इससे बड़ी घटनाएं हुईं लेकिन किसी ने सवाल नहीं उठाए. यूपी में आगामी चुनावों के चलते मायावती जी ने संसद में मुद्दा उठाया और जातिगत वोटबैंक के लिए नेताओं ने ऊना का दौरा किया.

सवाल- ऊना में दलितों उत्पीड़न के आरोपियों पर क्या कोई कड़ी कार्रवाई की गई? 
जवाब- सरकार ने अपना राजधर्म निभाया है. गुजरात सरकार ने कड़े कदम उठा रही है.

सवाल- नरेंद्र मोदी एक बड़े कद के नेता हैं लेकिन आज गुजरात में कोई भी नेता जनता की अपेक्षाओं को लेकर नरेंद्र मोदी की तरह फिट नहीं बैठ पा रहे हैं?
जवाब- मोदी जी के बाद ये सत्ता संभालना एक मुश्किल काम है. मोदी जी सूरज हैं, उनकी कार्यशैली एक अलग बात है. गुजरात में मोदीजी का कोई विकल्प नहीं हो सकता.

सवाल- नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे तब गुजरात की विकास दर 10 फीसदी तक थी जो अब कम हुई है. स्वास्थ्य औऱ शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी चुनौतियां सामने हैं? 
जवाब- विकास दर और शिक्षा को लेकर निर्णायक सरकार ही आगे बढ़ती है. हमारी भी कोशिश है कि जल्द से जल्द विकास दर को और बेहतर किया सके.

सवाल- 2017 के चुनाव में क्या आप बीजेपी का चेहरा रहेंगे?
जवाब- मैं जब मुख्यमंत्री बना तो कहा था कि हम 20-20 खेलेंगे एक भी दिन बेकार नहीं जाने देंगे. राज्य की जनता मान रही है कि गुजरात ऑन फास्ट ट्रैक है. हमारे पास चुनाव के लिये मोदीजी का नाम ही बहुत है. यहां चेहरे की जरूरत नहीं है, गुजरात में मोदीजी सिक्के की दो पहलू की तरह हैं. मुख्यमंत्री का चेहरा संसदीय बोर्ड तय करेगा.

सवाल- नोटबंदी के बाद हीरा और कपड़ा उद्योग पर काफी असर पड़ा है?
जवाब- मोदीजी ने बताया था कि 50 दिन दिक्कत रहेगी, सभी लोग वेट एंड वॉच में है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि गुजरात में किसी भी इंड्रस्टी ने कर्मचारी को नहीं निकाला है. लोग कहते हैं कि इस साल वाइब्रंट गुजरात में नोटबंदी का असर होगा लेकिन मुझे लगता है वाइब्रंट गुजरात इस साल बीते सभी साल से ज्यादा सफल होगा.

सवाल- नोटबंदी के बाद छोटे और मझोले उद्योग को काफी असर हुआ है.
जवाब- मुझे लगता है कि चीन की डंपिंग पॉलिसी की वजह से उद्योगों पर असर पड़ा है लेकिन केंद्र सरकार जिस तरह मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रही है उससे सब जल्द ही सब ठीक हो जाएगा.

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