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RSS के हिंदू सम्मेलन को कोलकाता पुलिस का रेड सिग्नल, मोहन भागवत थे मुख्य वक्ता

कोलकाता पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को 14 जनवरी को महानगर में 'हिंदू सम्मेलन' करने की इजाजत नहीं दी है. इस सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को मुख्य वक्ता के तौर पर बोलना था.

मोहन भागवत मोहन भागवत
इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 12 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:45 AM IST

कोलकाता पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को 14 जनवरी को महानगर में 'हिंदू सम्मेलन' करने की इजाजत नहीं दी है. इस सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को मुख्य वक्ता के तौर पर बोलना था.

आरएसएस ने कोलकाता में सम्मेलन के लिए दो स्थान सुझाते हुए अनुमति मांगी थी लेकिन पुलिस ने दोनों को ही नामंजूर कर दिया. बीते दो दिन से इस सम्मेलन के आयोजन को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है.

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आरएसएस की ओर से अनुमति मांगने के जवाब में पुलिस ने कहा, 'सुरक्षा और जन व्यवस्था को बनाए रखने के हित में आप से कहा जाता है कि 14 जनवरी को प्रस्तावित किसी भी स्थान पर सम्मेलन का आयोजन ना करें. इस स्थिति को आगे किसी तिथि के लिए स्थगित किए जाने की सूचना पुलिस दफ्तर को अग्रिम मे दें.'

पहले आरएसएस ने खिद्दरपोर इलाके में भूकैलाश ग्राउंड्स पर सम्मेलन के आयोजन की अनुमति मांगी थी. पुलिस ने तब 'भीड़ और भगदड़' की संभावना जताते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया था. फिर आरएसएस की बंगाल यूनिट ने कोलकाता मैदान पर ब्रिगेड परेड ग्राउंड का नाम सम्मेलन के लिए सुझाया.

गुरुवार को कोलकाता पुलिस ने इस स्थान पर भी सम्मेलन की अनुमति देने से इनकार कर दिया. पुलिस के मुताबिक इस क्षेत्र में गंगासागर मेले के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं, इसलिए यहां सम्मेलन के आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती.

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कोलकाता पुलिस के संयुक्त कमिश्नर सुप्रतिम सरकार की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है 'आप निश्चित रूप से विदित होंगे कि गंगासागर मेले के लिए देश के अलग अलग हिस्सों से लाखों तीर्थयात्री आते हैं. इन्हें ट्रांजिट कैंप में ठहराया जाता है. इनके लिए पुख्ता पुलिस बंदोबस्त किया जाता है. पूरे मैदान एरिया में गंगासागर जाने वाले हजारों वाहन पार्क रहते हैं. 13 और 14 जनवरी को तीर्थयात्रियों की संख्या सबसे अधिक होती है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति है. इसे देखते हुए पुलिस व्यवस्था बढ़ाई जा रही है.'

पत्र में कहा गया है कि लाखों गंगासागर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और उन्हें सुरक्षित मार्ग देने के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त की आवश्यकता को देखते हुए मैदान एरिया और उसके आसपास 14 जनवरी को आरएसएस के सम्मेलन को किसी सूरत में करने की सलाह नहीं दी जा सकती. वो भी ऐसी स्थिति में जैसा कि इस दफ्तर को बताया गया है कि सम्मेलन में 4000 कार्यकर्ताओं ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में हिस्सा लेना प्रस्तावित है. भागवत को Z प्लस सुरक्षा हासिल है.

कोलकाता पुलिस का ये जवाब ऐसे वक्त पर आया है जबकि भारतीय सेना पहले ही ब्रिगेड ग्राउंड्स पर आरएसएस के प्रस्तावित कार्यक्रम को हरी झंडी दिखा चुकी है. ये क्षेत्र सीधे रक्षा मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है. आरएसएस 10 जनवरी को सेना के बंगाल एरिया हेडक्वार्टर से अनापत्ति पत्र (एनओसी) ले चुका है.

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