
बंगलुरु वासियों के लिए मेट्रो का सपना जल्द ही साकार हो जाएगा. 18.5 किलोमीटर दूरी में बनी बेंगलुरु मेट्रो को 29 अप्रैल से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. पूर्वी और फस्टिमी कॉरिडोर को जोड़ने के लिए बनी और नम्मा मेट्रो के नाम से मशहूर इस सुविधा के लिए स्थानीय लोगों में गजब का उत्साह दिख रहा है.
जमीन के अंदर बना है 4.7 किलोमीटर का हिस्सा
पहले चरण के लिए नम्मा मेट्रो शुक्रवार को ब्यापनाहल्ली से पूर्वी मैसूर रोड के लिए शुरू होगा. इस मेट्रो में 4.7 किलोमीटर का हिस्सा जमीन के अंदर बनाया गया है. यह हिस्सा राज्य के सबसे ताकतवर इलाके विधानसौधा से हाई कोर्ट के बीच बनाया गया है.
नम्मा मेट्रो बचाएगी लोगों का वक्त
मेट्रो के स्वागत के लिए जोश में दिखे एक यात्री मंजुनाथ ने कहा कि हम सड़क के रास्ते कई घंटे बिताते हैं. अब हमें शहर के एक किनारे से दूसरे तक जाने में मेट्रो के जरिए महज 30 मिनट लगेगा. इसमें एसी की सुविधा भी है. तो क्यों न हम कार छोड़ें और इसका इस्तेमाल करें.
पूरे बंगलुरु में फैल जाएगी मेट्रो सुविधा
नम्मा मेट्रो के एमडी प्रदीप सिंह खरोला ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि हमने साल 2011 में प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर को जोड़ने से शहर का बड़ा हिस्सा कवर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके पहले हिस्से को 20 अक्टूबर 2011 को खोला गया था. चार और प्रोजेक्ट जल्द ही काम करने लगेगा. सभी लिंक के काम करने के बाद शहर के लोग रोजाना कम से कम दो घंटा बचा सकेंगे.
रोजाना 50 हजार लोगों को सुविधा देगी मेट्रो
खरोला ने बताया कि बेंगलुरु शहर में 55 लाख निजी गाड़ी और लगभग 2500 सार्वजनिक यातायात के बस हैं. सड़कों पर बाइक और कारों से चलने वाले लोग 5 किलोमीटर तय करने में करीब 45 मिनट लगाते हैं. ब्यापनाहल्ली से पूर्वी मैसूर रोड के लिए मेट्रो शुरू होने पर इसके 18 स्टेशनों को तय करने में आधा घंटा लगने वाला है. मेट्रो रोजाना 45-50 हजार लोगों को यातायात की सुविधा देगा. जल्द ही इस आंकड़ें के दो लाख होने की संभावना है.
सड़कों पर 10 फीसदी कम होगा दबाव
बंगलुरु मेट्रो रेल कार्पोरेशन (बीएमआरसीएल) के तहत बनाई जा रही मेट्रो सेवा सड़क पर यातायात का दबाव कम करेगी. इससे शहर की सड़कों पर कम से कम 10 फीसदी दबाव कम हो जाएगा. मेट्रो स्टेशनों के बीच लिंक बसों के चलाए जाने की भी योजना है.