
मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश होने जा रहा है. ऐसे में हमने कयास लगाया कि बजट पेश होने के बाद नेतागण इस पर अपनी कैसी प्रतिक्रिया देंगे.
जैसा कि हर बजट के बाद सरकार से जुड़े नेता इसकी तारीफ करते नहीं थकते तो वहीं विपक्ष इसको लेकर जमकर आलोचना करता है. अब तक की प्रतिक्रिया के आधार पर हमने कुछ काल्पनिक प्रतिक्रियाएं तैयार की हैं जो पक्ष और विपक्ष की ओर से की जाएंगी.
पहले विपक्ष की ओर से की जाने वाली संभावित प्रतिक्रिया
इस बजट में कुछ खास नहीं है.
किसानों के लिए और बेहतर किया जा सकता था.
बजट में कोई विजन नहीं है.
गरीबों और आम लोगों के लिए कुछ खास नहीं है.
नौकरीपेशा को थोड़ी राहत और दी जा सकती थी.
ज्यादा का वादा किया गया है, लेकिन हकीकत से यह काफी दूर है.
सरकार की पिछली सुधार का क्या हुआ.
चुनावी बजट है और लोकलुभावनी वादे किए गए हैं.
हर किसी के खाते में 15 लाख देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ.
ये तो रही विपक्षी नेताओं की बजट पेश होने के बाद की प्रतिक्रिया. अब जानते हैं कि बजट के बाद सरकार की तरफ से आने वाली संभावित प्रतिक्रिया.
यह बजट मोदी के नए भारत के विजन को दर्शाता है.
बजट में हर क्षेत्र को प्रमुखता से लिया गया है.
गरीबों और आम लोगों के लिए बड़ी राहत दी गई है.
सुधारवादी बजट है.
किसानों के हितों का ध्यान रखा गया है.
आर्थिक समस्याओं को सुधारने की कोशिश की गई है.
बजट भारत को और विकास की ओर ले जाएगा.
महिलाओं के हितों का ख्याल रखा गया है.
अब देखते हैं कि इस बार बजट के बाद इससे अलग प्रतिक्रिया आती है या फिर कुछ नया कहा जाएगा.