
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का बजट शनिवार को पेश किया है. इस बजट की सबसे प्रमुख बात है टैक्सपेयर्स को मिलने वाली टैक्स में राहत. वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में बदलाव किए हैं. वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब या पुराने टैक्स को चुनने का विकल्प भी दिया है. अब टैक्सपेयर्स किसी साधन में निवेश करे या न करे उसे टैक्स छूट का फायदा मिलेगा.आइए जानते हैं कि अलग-अलग सैलरी के हिसाब से किसी को टैक्स छूट का कितना फायदा हो सकता है.
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं, 'इस बजट में टैक्स के मामले में पहले मिलने वाली कई तरह की निवेश संबंधी रियायतें खत्म कर दी गई हैं. इसलिए अगर फायदे की बात करें तो यह बहुत ज्यादा नहीं होने वाला है.'
इसी तरह इंडियन बैंक के पूर्व डायरेक्टर और सीए कमाल फारुकी कहते हैं, 'यह बजट निराश करने वाला है. टैक्स के मामले में जो घोषणाएं की गई हैं, उसका बहुत लाभ मिलता नहीं दिखता. इतने तरह के स्लैब बांटकर टैक्सपेयर्स का भ्रम और बढ़ा दिया गया है.'
गौरतलब है कि 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन जैसे कई छूट खत्म कर दिए गए हैं.
6 लाख सालाना आय पर इतनी होगी बचत
अगर किसी की सैलरी 50 हजार रुपये महीने या 6 लाख सालाना है तो पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद उसकी टैक्सेबल इनकम महज 5.5 लाख रुपये होती. अगर उसने किसी तरह का निवेश नहीं किया है तो इस पर उसका टैक्स इस प्रकार लगता-
5 लाख रुपये तक की आय के लिए 12,500 रुपये, इसके बाद 50 हजार रुपये की आय के लिए 20 फीसदी के हिसाब से 10 हजार रुपये और इस पर 4 फीसदी का सरचार्ज यानी 700 रुपये. इस तरह उसका कुल टैक्स 23,200 रुपये होते.
नए टैक्स स्लैब के हिसाब से उसका टैक्स इस प्रकार होगा-
5 लाख रुपये तक की आय के लिए 12,500 रुपये, इसके बाद 50 हजार रुपये की आय के लिए 10 फीसदी के हिसाब से टैक्स 5 हजार रुपये और इस पर 4 फीसदी का सरचार्ज यानी 700 रुपये. इस प्रकार उसे कुल 18,200 रुपये देने होंगे. इस तरह 50 हजार रुपया महीना कमाने वाले व्यक्ति के सालाना 5,000 रुपये बचेंगे.
अगर किसी की सैलरी 10 लाख सालाना है कितनी होगी बचत
अगर किसी व्यक्ति की आय 10 लाख रुपये सालाना है तो 50 हजार रुपये के डिडक्शन के बाद उसकी सालाना आय 9.5 लाख रुपये होती थी. अगर उसने कोई निवेश नहीं किया है तो इस आय पर उसका टैक्स इस प्रकार लगता था.
5 लाख तक के लिए 12,500 + बाकी 4.5 लाख रुपये आय पर 20 फीसदी के हिसाब से 90 हजार रुपये का टैक्स और इसके बाद इस पर 4 फीसदी का सेस यानी 4100 रुपये का, इस तरह उसे कुल 1,06,600 रुपये का टैक्स देना होता.
नए टैक्स स्लैब में ऐसे व्यक्ति पर टैक्स इस प्रकार लगेगा.
स्टैंडर्ड डिडक्शन नहीं है, इसलिए उस व्यक्ति की सालाना आय 10 लाख रुपये ही मानी जाएगी. उस पर टैक्स इस प्रकार लगेगा.
5 लाख तक के लिए 12,500 + बाकी 5 लाख रुपये आय पर 15 फीसदी के हिसाब से 75 हजार रुपये टैक्स होगा और इस पर 4 फीसदी का सेस यानी 3500 रुपये यानी उसे कुल 9100 रुपये देने होंगे. इस तरह उसकी पुराने स्लैब के मुकाबले 15,600 रुपये की बचत होगी.
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15 लाख आय पर होगी इतनी बचत
अगर किसी की सैलरी 15 लाख रुपये है तो पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से इस व्यक्ति को 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता और इसकी टैक्सेबल इनकम 14.5 लाख रुपये मानी जाती. पुराने स्लैब के हिसाब से इस व्यक्ति का टैक्स इस प्रकार होगा.
5 लाख रुपये पर 12,500 रुपये, इसके साथ बाकी 5 लाख रुपये पर (5 से 10 लाख रुपये पर 10 फीसदी के हिसाब से) 1लाख रुपये, फिर इसके बाद 4.5 लाख रुपये पर (10 लाख से 14.5 लाख रुपये पर 30 फीसदी के हिसाब से) 1,35000 रुपये. इस तरह कुल टैक्स हुआ 2,47,500 रुपये. इस पर 4 फीसदी का सेस होता है 9900 रुपये यानी कुल टैक्स होता है 2,57,400 रुपये का.
नए टैक्स स्लैब के हिसाब से उसका टैक्स इस प्रकार होगा -
उसको किसी तरह के डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा, इसलिए उसकी कुल टैक्सेबल आय 15 लाख रुपये ही मानी जाएगी. इस पर उसका टैक्स इस प्रकार तय होगा-
5 लाख रुपये पर 12,500 रुपये, इसके साथ बाकी 2.5 लाख रुपये पर (5 से 7.5 लाख रुपये पर 10 फीसदी के हिसाब से) 25 हजार रुपये, इसके बाद 2.5 लाख रुपये पर (7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये पर 15 फीसदी के हिसाब से) 37,500 रुपये, फिर 2.5 लाख रुपये पर (10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये पर 20 फीसदी के हिसाब से) 50 हजार रुपये और फिर 2.5 लाख रुपये (12.5 लाख से 15 लाख रुपये पर 25 फीसदी के हिसाब से) पर 62,500 रुपये का टैक्स लगेगा. इस प्रकार उसका कुल टैक्स 1.87 लाख रुपये होगा और इस पर 4 फीसदी सरचार्ज यानी 7500 रुपये. इस प्रकार उसका कुल टैक्स 1,94,500 रुपये होगा. इस तरह नए टैक्स स्लैब को अपनाने से 15 लाख रुपये की सैलरी वाले व्यक्ति का साल में कुल 62,900 रुपये बचेंगे.