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देश में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं से चिंतित केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सरकार सड़क ढांचागत सुविधा में सुधार के लिए अगले पांच साल में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करेगी.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से हर साल करीब 60,000 करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.0 प्रतिशत का नुकसान होता है और केंद्र ने इस तरह के हादसों को रोकने के इरादे से कुछ कदम उठाए हैं. इंडिया गेट से ‘वॉकाथन’ के साथ सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार ने दिल्ली में दुर्घटना के लिहाज से 10 जगहों की पहचान की है और उस पर काम शुरू किया है.
उन्होंने आगे कहा कि भारत उन देशों में शामिल है जो हर साल बड़ी संख्या में सड़क हादसों से प्रभावित हैं और यहां तक कि युद्ध से भी इतनी संख्या में लोगों की मौत नहीं हुई उतनी संख्या में सड़क हादसों के कारण हो रही है.
'स्वीडन में बीते साल हुई सिर्फ एक दुर्घटना'
नितिन गडकरी ने कहा, ‘एक साल में देश में 5 लाख दुर्घटनाएं हुई जिसमें से 1.5 लाख लोगों की मौत हुई और तीन लाख लोग अपंग हुए. यह गंभीर चिंता की बात है.’ उन्होंने कहा कि भारत इस संदर्भ में स्वीडन से सीख सकता हैं जहां पिछले साल केवल एक दुर्घटना हुई.
उन्होंने कहा, ‘सरकार स्थिति में सुधार के लिए अगले पांच साल में 11,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी और दुर्घटना के लिहाज से दिल्ली में चिन्हित 10 खतरनाक जगहों को सुधारने के लिए जल्दी काम शुरू करेगी.’ जिन दस खतरनाक जगहों की पहचान की गई है, उसमें सराय काले खान, कश्मीरी गेट चौक (मोरीगेट), निगम बोध घाट, मुकुंदपुर चौक, डॉ. भाभा मार्ग क्रासिंग, पंजाबी बाग चौक, आईएसबीटी कश्मीरी गेट, महिपालपुर फ्लाईओवर, शनि मंदिर और शहादरा फ्लाईओवर हैं.
'हर चार मिनट में जा रही है एक जान'
नितिन गडकरी ने कहा कि इन खतरनाक जगहों पर दुर्घटनाओं में अब तक बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है जिसमें से ज्यादातर 25 से 33 वर्ष के बीच के थे. उन्होंने कहा, ‘सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग को दुर्घटना रहित बनाने के लिये प्रतिबद्ध है. इसमें वेबसाइट शुरू करना शामिल है जिसके जरिए लोग ऐसी जगहों के बारे में सूचना दे सकते हैं. साथ ही सड़क इंजीनियरिंग में सुधार, फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण आदि जैसे अन्य कदम उठाए जा रहे हैं.’ वाकाथन कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क हादसों के कारण हर चार मिनट में एक जिंदगी चली जाती है. उन्होंने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा प्राधिकरण की जरूरत पर बल दिया.
'गलत डिजाइन हैं हादसों की वजह'
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हषर्वर्धन ने वाहनों के पिछले सीट पर बैठने वाले लोगों के लिये बेल्ट बांधना जरूरी किए जाने की जरूरत पर जोर दिया. इस मौके पर उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे तथा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की सड़क हादसों में मौत का जिक्र किया.
हषर्वर्धन ने कहा कि स्पीडब्रेकर बनाने के लिये नियम होने चाहिए क्योंकि सड़कों के गलत डिजाइन की वजह से भी हादसे होते हैं.
सड़क हादसों में दिल्ली में 1500 की मौत
दिल्ली पुलिस आयुक्त बी.ए.स बस्सी ने कहा कि लोगों को जुर्माना देने या ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने के भय की बजाय मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले साल केवल दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में 1,500 लोगों की मौत हुई.