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3 साल में कोई भ्रष्टाचार नहीं, टेलीकॉम सेक्टर में लौटा भरोसा: मनोज सिन्हा

मनोज सिन्हा ने कहा कि कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए 16,00,000 ग्राहकों से आईवीआरएस के जरिए कॉल ड्रॉप के बारे में जानकारी ली गई है.

केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:45 PM IST

मोदी सरकार के 3 सालों का हिसाब देते हुए केंद्रीय टेलीकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि तीन साल पहले टेलीकॉम मंत्रालय कुछ और वजहों से जाना जाता रहा, लेकिन जबसे मोदी सरकार आई है, टेलीकॉम मंत्रालय के सभी फैसलों में पारदर्शिता बरती जा रही है.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने दोबारा स्पेक्ट्रम की नीलामी कराई है, लेकिन पारदर्शिता के चलते किसी को भी इस से कोई शिकायत नहीं हुई. संचार मंत्री ने कहा कि मोबाइल फोन पर कॉल ड्रॉप की समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा चुका है. इस समस्या से निपटने के लिए पिछले 10 महीने में ढाई लाख बीटीएस लगवाए गए हैं. इससे मोबाइल के जरिए बातचीत के दौरान कॉलर की परेशानी में काफी हद तक सुधार हुआ है.

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मनोज सिन्हा ने कहा कि कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए 16,00,000 ग्राहकों से आईवीआरएस के जरिए कॉल ड्रॉप के बारे में जानकारी ली गई है. इसके जरिए प्राप्त सूचना के आधार पर मंत्रालय ने कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए उचित प्रबंध किए हैं.

उन्होंने बताया कि मोबाइल टावर के जरिए रेडिएशन फैलने की अफवाह के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए मंत्रालय ने एक पोर्टल बनाया है. साथ ही साथ कई शहरों में जागरूकता कार्यक्रम भी चला रहे हैं. उनके मुताबिक नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी सुधारने के लिए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं. ऐसी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन सभी इलाकों में मोबाइल की कनेक्टिविटी आम बात हो जाएगी.

मनोज सिन्हा ने बताया कि उनका मंत्रालय डिजिटल इंडिया को पूरे तरीके से लागू करने की कोशिश कर रहा है. दिसंबर 2018 तक देश की तकरीबन ढाई लाख ग्राम पंचायतों को ब्राडबैंड के जरिए इंटरनेट से जोड़ दिया जाएगा. इससे इन इलाकों में जहां एक तरफ इंटरनेट का फैलाव हो पाएगा, तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को रोजगार के नए साधन मिल पाएंगे.

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